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बिक्री से ज्यादा है यूरिया की उपलब्धता, देश के किसी हिस्से में नहीं है यूरिया की कमीः राव इंद्रजीत सिंह

देश-विदेश

नई दिल्लीः योजना (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह ने देश में यूरिया की कमी और गरीब किसानों की समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर कुमारी सैलजा द्वारा राज्यसभा में पूछे गए सवाल पर दिए लिखित जवाब में बताया कि देश के किसी हिस्से में यूरिया की कोई कमी नहीं है।

     मंत्री ने देश में राज्यवार जरूरत (मांग), उपलब्धता और बिक्री का विवरण उपलब्ध कराया। श्री सिंह ने कहा कि विवरण में देखा जा सकता है कि यूरिया की उपलब्धता बिक्री से ज्यादा है और इस प्रकार यूरिया की कोई कमी नहीं है।

आंकड़े हजार एमटी में
2017-18 के दौरान राज्य वार यूरिया की जरूरत, उपलब्धता और बिक्री (20.03.2018 तक)
राज्य यूरिया
अनुमानित जरूरत उपलब्धता बिक्री
आंध्र प्रदेश 1550.00 1438.55 1390.97
असम 295.00 356.81 347.04
बिहार 2100.00 2009.03 1961.69
छत्तीसगढ़ 670.00 635.76 567.62
गोवा 2.88 2.23 2.23
गुजरात 2000.00 2239.80 2188.28
हरियाणा 1800.00 2075.95 1997.44
हिमाचल प्रदेश 66.00 69.16 67.69
जम्मू कश्मीर 128.01 134.70 123.09
झारखंड 240.00 213.26 205.43
कर्नाटक 1350.00 1338.04 1283.34
केरल 110.00 134.95 130.02
मध्य प्रदेश 2200.00 2417.43 2279.65
महाराष्ट्र 2700.00 2302.87 2246.75
मणिपुर 22.00 20.77 20.77
ओडिशा 525.00 512.30 505.75
पुडुचेरी 14.00 10.46 10.19
पंजाब 2550.00 2799.80 2713.03
राजस्थान 1850.00 1687.90 1647.70
तमिलनाडु 900.00 850.67 847.75
तेलंगाना 1380.00 1420.09 1377.83
त्रिपुरा 43.00 17.68 17.68
उत्तराखंड 235.00 314.02 304.24
उत्तर प्रदेश 5850.00 6105.61 5758.27
पश्चिम बंगाल 1250.00 1207.91 1171.69
कुल 29852.29 30334.96 29185.30

     इसके अलावा श्री सिंह ने बताया कि हर फसल सत्र के शुरू होने से पहले कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएंडएफडब्ल्यू), राज्य सरकारों के साथ परामर्श से उर्वरकों की जरूरत का आकलन करता है। जरूरत के आकलन के बाद डीएसीएंडएफडब्ल्यू उर्वरकों की माहवार जरूरत का अऩुमान लगाता है।

     डीएसीएंडएफडब्ल्यू द्वारा दिए गए माहवार और राज्यवार जरूरत के अनुमान के आधार पर उर्वरक विभाग राज्यों को मासिक आपूर्ति योजना के द्वारा पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों का आवंटन करता है और निम्नलिखित व्यवस्था के माध्यम से उपलब्धता की लगातार निगरानी करता है:

  • देश भर में सभी बड़े सब्सिडीयुक्त उर्वरकों की आवाजाही की एक ऑनलाइन वेब आधारित निगरानी प्रणाली के द्वारा निगरानी की जाती है, जिसे एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली (आईएफएमएस) कहा जाता है;
  • राज्य सरकारों को नियमित तौर पर मार्कफेड जैसी अपने राज्य की संस्थागत एजेंसियों के माध्यम से उर्वरकों के विनिर्माताओं और आयातकों के साथ समन्वय बनाए रखने की सलाह दी जाती है, जिससे रेलवे के लिए मांग पत्र के प्लेसमेंट के माध्यम से उर्वरकों की आपूर्ति को सरल बनाया जा सके।
  • कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएंडएफडब्ल्यू), उर्वरक विभाग (डीओएफ) और रेल मंत्रआलय के साथ राज्य कृषि अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से नियमित तौर पर साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंस कराई जाती है। साथ ही राज्य सरकारों की सूचना पर उर्वरकों की आपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं।
  • मांग (जरूरत) और उत्पादन को आयात के बीच के अंतर को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है। सीजन में समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पहले ही आयात को अंतिम रूप दे दिया गया है।

     इस प्रकार, जैसा कि ऊपर बताया गया है, उर्वरक विभाग किसानों के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करता है। मंत्री ने कह कि देश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है।

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