लखनऊ: यूपी बोर्ड परीक्षा की एग्जाम डेट घोषित कर दी गई है। परीक्षाएं फरवरी में होनी हैं, जहां एक ओर नकल पर सख्ती के लिए सरकार कड़ा रुख अपनाए है वहीं कॉपियों की जांच को लेकर भी कड़े नियमों का प्रावधान किया गया है। इससे संबंधित जो हालिया आदेश जारी किया गया है उसके मुताबिक मूल्यांकन कार्य करने वाले वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को अपने आधार का ब्योरा देना होगा, बिना इसके वह बोर्ड की कॉपियां नहीं जांच सकेंगे। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि शिक्षा विभाग के पास इन शिक्षकों का लेखाजोखा व किसी प्रकार का ब्योरा उपलब्ध नहीं होता है।
परीक्षा शुरू होने से पहले ही उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए परीक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। करीब चार हजार परीक्षक मूल्यांकन के लिए लगाए जाएंगे। बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की तैनाती की जाती है। इनमें ढाई हजार से ज्यादा वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक रहेंगे। ऐसे में इनपर यह नियम विशेष रूप से लागू होगा। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी के दूसरे सप्ताह से शुरू होकर मार्च के पहले हफ्ते में ही खत्म हो जाएंगी। इसके बाद कॉपियों का मूल्यांकन कार्य शुरू हो जाएगा। मूल्यांकन के दौरान परीक्षकों के परिचय पत्र पर उनका आधार नंबर भी अंकित होगा। आधार नंबर इसलिए जरूरी होगा ताकि मूल्यांकन के समय परीक्षक किसी प्रकार की गड़बड़ी न कर सकें।