भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सीपी ठाकुर का कहना है कि जब दलित समाज का व्यक्ति सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच चुका है, तो अब आरक्षण को समाप्त कर देना चाहिए.
वाराणसी में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए सीपी ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “देश के सर्वोच्च पद पर जब एक दलित समाज के व्यक्ति को बैठा दिया जाए, तब आरक्षण को समाप्त कर देना चाहिए. ऐसा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने कहा था. अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलित समाज के व्यक्ति को राष्ट्रपति बना दिया दै तो ये आरक्षण को समाप्त करने का अच्छा समय है.”
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सीपी ठाकुर वाराणसी में लोकबंधु राजनारायण के जन्म शताब्दी समारोह के मौक़े पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने समाज में ऊंची जाति के तौर पर देखे जाने वाले समुदाय के ग़रीब लोगों को भी आरक्षण देने की वकालत की.
उन्होंने कहा, “जो ग़रीब और पिछड़ी जाति के लोग हैं, उन्हें आरक्षण देकर मुख्य धारा में लाना चाहिए, लेकिन जो सम्पन्न जाति के लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें भी नहीं भूलना चाहिए.”
सीपी ठाकुर ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री को ‘नीच’ कहे जाने को ग़लत ठहराते हुए उसकी निंदा की, लेकिन आरक्षण पर दिया उनका बयान चर्चा का विषय बना रहा. भारतीय जनता पार्टी के नेता जहां इसे उनका निजी बयान कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं वहीं विपक्षी दल भी अभी इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं.
लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता या प्रवक्ता फ़िलहाल इस विषय पर आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. लेकिन जानकारों का कहना है कि गुजरात चुनाव के मौक़े पर सीपी ठाकुर जैसे वरिष्ठ नेता के इस बयान को पार्टी यूं ही ख़ारिज भी नहीं कर पाएगी.
बीबीसी हिंदी