18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ(बीबीबीपी) योजना के शानदार परिणाम दिखने लगे हैं: श्रीमती मेनका संजय गांधी

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ(बीबीबीपी) योजना के शानदार परिणाम दिखने लगे हैं: श्रीमती मेनका संजय गांधी
देश-विदेश

नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज कहा कि सरकार का बेटी बचाओ, बेटी पढाओ कार्यक्रम बहुत अच्‍छे तरीके से चल रहा है और इसके उत्‍साहजनक परिणाम दिखने लगे हैं।

      महिला और बाल विकास मंत्री आज लोकसभा में एक तारांकित प्रश्‍न का उत्‍तर दे रही थीं। श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि बीबीबीपी योजना लॉंच के पहले वर्ष में एक सौ जिलों में शुरू की गई थी और पहले ही साल के अंत तक ही 58 जिलों में जन्‍म के समय लिंग अनुपात में वृद्धि दिखी। दूसरे वर्ष में योजना 161 जिलों में शुरू की गई, जिसमें से 104 जिलों में जन्‍म के समय लिंगानुपात में बढ़ोत्‍तरी दिखी है। इस कार्यक्रम का अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में सिक्किम में उत्‍तरी जिला, करनाल, कुड्डालोर, गाजियाबाद, मनसा, रेवाड़ी। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा और राजस्‍थान ने बेहतर परिणाम दिए हैं और उन्‍हें पुरस्‍कृत किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने एक पूरक उत्‍तर के जवाब में बताया कि योजना का प्रदर्शन बहुत हद तक व्‍यक्ति के उत्‍साह और जिला कलेक्‍टरों की योग्‍यता पर निर्भर करता है। शानदार कार्य के लिए महिला और विकास मंत्रालय ने दस जिलों का अभिनन्‍दन किया है। इन जिलों में महाराष्‍ट्र का जलगांव, जम्‍मू कश्‍मीर में कठुआ, राजस्‍थान में झुनझुनू, महाराष्‍ट्र में ओस्मानाबाद, मध्‍य प्रदेश में ग्‍वालियर, तमिलनाडु में कुड्डालोर, छत्‍तीसगढ में रायगढ, हरियाणा में यमुनानगर और पंजाब में मनसा शामिल हैं।

      एक अन्‍य पूरक प्रश्‍न के उत्‍तर में श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्‍यों ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ कार्यक्रम को लागू किया है। उन्‍होंनेबताया कि कुछ जिलों के जन्‍म के समय लिंगानुपात में निराशाजनक  प्रवृत्ति देखने को मिली है। इन जिलों में इटावा, सहारनपुर, बिजनौर, पिथौरागढ, हरिद्वारा और कोलकाता शामिल हैं। उन्‍होंने बताया कि जन्‍म के समय लिंगानुपात में पीछे चलने वाले जिलों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। डीसी/नोडल अधिकारियों के साथ साप्‍ताहिक और मासिक बैठकें की जा रही हैं। मास्‍टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो आगे निचले स्‍तर पर काम करने वाले लोगों, पीसी तथा पीएनडीटी अधिनियम कारगर तरीके से लागू करने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के साथ कार्यरत लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। महिला और बाल विकास मंत्रालय अपनी नई लांच की गई योजना महिलाशक्ति केन्‍द्र के अन्‍तर्गत समर्पित मानव शक्ति प्रदान कर रहा है, जो स्‍थानीय लोगों को प्रेरित करते हुए काम करेंगे।

      उन्‍होंने कहा कि लोगों की सक्रिय भागीदारी के बिना बीबीबीपी योजना सफल नहीं हो सकती, क्‍योंकि यह मानसिकता की समस्‍या है, जो वर्षों से चली आ रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार द्वारा अनेक कदम उठाये गए हैं। इनमें गुड्डी गुड्डा बोर्ड के माध्‍यम से सार्वजनिक स्‍थानों पर जन्‍म के आंकड़े दिखाना (उदाहरण के लिए महाराष्‍ट्र के जलगांव जिले में कार्यालयों और सार्वजनिक स्‍थानों पर डिजिटल गुड्डी गुड्डा डिसप्ले बोर्ड लगाये गए हैं), हरियाणा और छत्‍तीगढ में सभी सरकारी भवनों/सार्वजनिक कार्योलयों/सार्वजनिक वाहनों पर बीबीबीपी लोगो का उपयोग, लड़की के जन्‍म पर समारोह करना, पौध रोपण, बाल विवाह रोकना (जैसा कि तमिलनाडु में कुडालोर द्वारा किया गया है), सेल्‍फी विद डॉटर अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ पर स्‍थानीय चैंपियनों की नियुक्ति, श्रेष्‍ठ पंचायतों का अभिनन्‍दन, लड़की की शिक्षा के लिए नामांकन अभियान पर बल और गिरते हुए बाल लिंगानुपात विषय पर ग्राम सभा/महिला सभा का आयोजन शामिल हैं।

      एक अन्‍य पूरक प्रश्‍न के उत्‍तर में श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि अनेक राज्‍य बालिका प्रोत्‍साहन योजनाएं चला रहे हैं। इनमें मध्‍य प्रदेश की लाडली लक्ष्‍मी योजना, हरियाणा की लाडली, गोवा में ममता योजना, छत्‍तीसगढ में सरस्‍वती साइकिल योजना और मणिपुर में बालिका समृद्धि योजना हैं।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More