21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बैंकों के नई पूंजी उपलब्ध कराने के कार्यक्रम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त उधार दे सकेंगे

देश-विदेशव्यापार

नई दिल्लीः सरकार ने निधियां जुटाने एवं बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने के उपाय शुरू किए हैं। 2018-19 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में कहा कि सरकार ने 24 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में नीतिगत विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें एअर इण्डिया का नीतिगत निजीकरण शामिल है।

निधियां जुटाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 14,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शुरू की गई एक्सचेंज ट्रेडिड फण्ड भारत-22 सभी भागों में ओवर सब्सक्राइब थी। इसी तरह विनिवेश के लिए 2017-18 के बजट अनुमान 72,500 करोड़ रुपये के सर्वोच्च स्तर पर अधिस्थिर थे तथा उनसे अनुमानित प्राप्तियां भी 2017-18 में लक्ष्य से कहीं अधिक 1 लाख करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य भी 80,000 करोड़ रुपये रखा है।

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा बैंकों का नई पूंजी उपलब्ध कराने का कार्यक्रम इस वर्ष जारी किए जा रहे 80 हजार करोड़ रुपये के बॉण्डों से शुरू किया गया है। इस नई पूंजी की उपलब्धता से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी उधार देने का मार्ग प्रशस्त होगा। सुदृढ़ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है, ताकि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अपनी साख बढ़ा सकें।

भारतीय रिजर्व बैंक से सरकार को अपनी इक्विटी अंतरित करने के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। भारतीय डाकघर अधिनियम, भविष्य निधि अधिनियम तथा राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र अधिनियम एकीकृत किए जा रहे हैं तथा कुछ अतिरिक्त लोकोपयोगी उपाय शुरू किए जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक को अधिक लिक्विडिटी के प्रबन्धन का माध्यम बनाने, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम को गैर-रेहनीय जमा सुविधा के रूप में संस्थाकित करने हेतु संशोधित किया जा रहा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम 1956 तथा डिपोजिट्रीज अधिनियम, 1996 को संशोधित किया जा रहा है ताकि विवाचन प्रक्रिया सुचारू बन सके और कुछ उल्लंघनों की स्थिति में दण्डात्मक प्रावधान हो सकें।

Related posts

4 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More