नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में मानव संसाधनविकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘डिजिटल पहल पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ में ‘स्वयं’, ‘32 स्वयं प्रभा डीटीएच चैनलों’ और राष्ट्रीय अकादमिक डिपॉजिटरी के शुभारंभ समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और इंटरनेट के प्रसार ने छात्रों की पहुंच और गुणवत्ता के मामले में खाई को कम करने का एक अच्छा अवसर प्रदान किया है और हमें इस अवसर से अपने दोनों हाथों से लाभ उठाना चाहिए। डिजिटल प्रौद्योगिकी अच्छे शिक्षकों को बड़ी संख्या में उन छात्रों तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करने में सक्षम बना रही है जो शारीरिक रूप से कक्षाओं में मौजूद नहीं हो पाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि वे इस बात से काफी प्रसन्न हैं कि ‘स्वयं’ पोर्टल अब पूरी तरह से कार्यरत हो गया है जिससे छात्र अब कहीं भी रहकर सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा पेश किए गए पाठ्यक्रमों से लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अग्रणी शिक्षक अब ‘एमओओसी’ फॉर्मेट वाले इस प्लेटफॉर्म पर अपने नए पाठ्यक्रमों को पेश कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि 32 स्वयं प्रभा डीटीएच चैनलों के जरिए उपग्रह तकनीक की पहुंच कई गुना बढ़ गई है। ये चैनल उन ग्रामीण इलाकों और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों की मदद करेंगे जहां आईटी बुनियादी ढांचा अपेक्षा के अनुरूप नहीं है।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय अकादमिक डिपॉजिटरी से विभिन्न संस्थानों द्वारा जारी किए गए प्रत्यय पत्रों या प्रमाण पत्रों के आसान प्रमाणीकरण में मदद मिलेगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कामकाज में सहूलियत भी होगी।
इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास (उच्च शिक्षा) राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय भी मौजूद थे।