नई दिल्ली: केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि भारत विश्व की एक महत्वपूर्ण शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ रहा है और आने वाले दिनों में देश के विकास में जल की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण होगी। विश्व जल दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली में केंद्रीय जल आयोग की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे पडोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने में नदियों एवं जल की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। सीमावर्ती क्षेत्रों की नदियों का उल्लेख करते हुए सुश्री भारती ने कहा कि हम इनके बारे में बहुत संवेदनशील हैं।
मंत्री महोदया ने विश्व जल दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जल जीवन और म़त्यु दोनों का कारक है। यदि बाढ आए तो म़त्यु तथा सिंचाई में उपयोगी हो तो जीवन। उन्होंने कहा कि सरकार नदी जोडो परियोजना के तहत देश की नदियों को आपस में जोडकर देश में बाढ और सुखाड की समस्या का स्थायी समाधान कर जल को जल को जीवन का पर्याय बनाना चाहती है।
हाल ही में संसद में पेश किये गए अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक 2017 का उल्लेख करते हुए सुश्री भारती ने कहा कि यह विधेयक अन्य मंत्रालयों के लिए भी विवाद समाधान के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है। नमामी गंगे कार्यक्रम जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस काम में तकनीक के साथ साथ जन भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। संगोष्ठी को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्यमंत्री श्री विजय गोयल, मंत्रालय के सचिव डॉ अमरजीत सिंह और केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष श्री नरेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया।
“दूषित जल – निगरानी और प्रबंधन विषय” पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर के विर्शेषज्ञों ने भाग लिया। दुनियाभर में दूषित जल को शोधित कर बडी मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है। भारत में दूषित जल को शोधित कर फिर से उपयोग में लाने की संभावनाओं पर विशेषज्ञों ने संगोष्ठी में अपने प्रपत्र प्रस्तुत किये।
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