नई दिल्लीः इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून एवं विधि मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने भारत को किफायती साइबर सुरक्षा केंद्र बनाने की कोशिशों में मदद के लिए आज नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर का आह्वान किया। इससे पड़ोसी देशों में प्रौद्योगिकी के विकास में भारत की भूमिका बढ़ाने में मदद मिलेगी। वह आज साइबर सुरक्षा और नवाचार पर द्वितीय ‘नेशनल मीट ऑन ग्रासरूट इन्फॉर्मेटिक्स- विविड: वीविंग ए डिजिटल इंडिया’ का उद्घाटन कर रहे थे। इस मौके पर श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार की डिजिटल पहलों का उद्देश्य न सिर्फ डेटा अर्थशास्त्र और डेटा नवाचार के क्षेत्र में पहले पायदान पर पहुंचना है बल्कि सस्ती और समावेशी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए नागरिकों को सशक्त बनाते हुए भारत को बदलना भी है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की रीढ़ एनआईसी को अपने राज्यों/जिलों की बेहतरी के लिए ना सिर्फ नए उत्पादों का सृजन करना चाहिए बल्कि नई प्रौद्योगिकी से आम लोगों को अभ्यस्त भी कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों को प्रौद्योगिकी में शिक्षित करने की सरकार की कोशिशों में तेजी आएगी और पांच साल के समय में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ तक पहुंचाने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी होगी। उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव का राजनीतिक तौर पर कुछ लेना-देना नहीं होना चाहिए।
श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार डिजिटल जुड़ाव और भौतिक जुड़ाव में भी विश्वास करती है। उन्होंने बताया कि देश की डिजिटल प्रौद्योगिकी की रीढ़ और ई-गवर्नेंस का अन्वेषक होने के कारण एनआईसी के जिला अधिकारी ही पूरे देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रबंधन करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल क्रांति में भारत को वैश्विक मार्गदर्शक बनाना चाहती है। उन्होंने भारत को सस्ता साइबर सुरक्षा केंद्र बनाने की भी इच्छा जताई जो भारत के साथ ही पूरी दुनिया के अनुकूल हो।
एनआईसी ने आज दो नए पोर्टल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एप्लीकेशन सिक्योरिटी (सीओईएएस) और सुरक्षित तौर पर मापनीय एवं सुगम्य वेबसाइट (एस3डब्ल्यूएएएस) शुरू किए जिनका उद्घाटन श्री रविशंकर प्रसाद ने किया।
ग्रासरूट इन्फॉर्मेटिक्स पर राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए देश भर के एनआईसी अधिकारियों सहित भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी सचिव भी भाग लेंगे।
तीन दिवसीय सम्मेलन में श्री अजय साहनी, सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सुश्री नीता वर्मा, महानिदेशक, एनआईसी, सुश्री रमा नागपाल, उप-महानिदेशक, एनआईसी, श्री जी के गौर, उप-महानिदेशक, एनआईसी और सुश्री नंदिता चौधरी, उप-महानिदेशक, एनआईसी ने भाग लिया।