नयी दिल्ली: भारत ने कुल 238 मिलियन डॉलर की लागत से स्वच्छ कोयला उपयोग के लिए उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकियों पर एक राष्ट्रीय मिशन आरम्भ करने तथा पाँच मिलियन डॉलर प्रत्येक की लागत से स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों पर दो उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना करने की घोषणा की है। स्वच्छ ईंधनों की खोज के लिए मेथानोल एवं डाइ-मिथाइल इथर पर एक राष्ट्रीय मिशन आरम्भ किया जा रहा है। सोलर फोटोवोलटेक, थर्मल भंडारण एवं सौर ईंधन अनुसंधान पर एक नए केन्द्र को पाँच मिलियन डॉलर की मंजूरी दी गई है। ऊर्जा भंडारण, स्वच्छ कोयला, अपशिष्ट जल उपचार के क्षेत्र में दस मिलियन डॉलर तक के वित्त पोषण अवसरों की घोषणा की गई है। यह घोषणा चीन के बीजिंग में द्वितीय मिशन इनोवेशन मंत्रिस्तरीय एवं 8वें स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय बैठक में की गई।
भारत में पाँच मिलियन डॉलर प्रत्येक की लागत से स्मार्ट ग्रिड एवं ऑफ ग्रिड एक्सेस में दो एमआई-केन्द्रित वित्त पोषण अवसरों की भी घोषणा की। पाँच मिलियन पौंड प्रत्येक के ब्रिटेन एवं भारत सरकार के वित्त पोषण के साथ संयुक्त वर्चुअल स्वच्छ ऊर्जा आरम्भ किया गया है। भारत-अमेरिका से युद्ध स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान (पेस-आर) के तहत स्मार्ट ग्रिड एवं ऊर्जा भंडारण पर एक सहयोगात्मक सार्वजनिक-निजी कार्यक्रम को भी मंजूरी दी गई है। भारत ने नॉर्वे के साथ अक्षय ऊर्जा पर एक संयुक्त कार्यक्रम भी आरम्भ किया है।
उन्नत स्वच्छ ऊर्जा सहयोग पर ध्यान केन्द्रित करने एवं पेरिस समझौता प्रतिबद्धताओं को कार्यान्वित करने के लिए चीन के बीजिंग में 6-8 जून 2017 को 80 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा निवेशों एवं 75 प्रतिशत जीएचजी उत्सर्जन वाले 23 देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक हुई।
भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने किया। डॉ. हर्षवर्धन की अमेरिका के सचिव रिक पेरी के साथ भी सफल द्विपक्षीय बैठक हुई। बैठक में स्वच्छ ऊर्जा, कार्बन कैप्चर और सुगम तथा किफायती जल में अनुसंधान सहयोग में नए क्षेत्रों को विस्तारित करने के लिए संयुक्त सहयोग पर चर्चा की गई।
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