नई दिल्ली: भारतीय एकीकृत परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स शिखर सम्मेलन में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के 34 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। नई दिल्ली में आज समाप्त इस तीन दिवसीय सम्मेलन में जिन एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये वे अनेक क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। बिहार,उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं मणिपुर में बंदरगाह कनेक्टिविटी व एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी), त्रिपुरा, असम एवं मिजोरम में भूमि बंदरगाह तक पहुंच, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक,मध्य प्रदेश, असम, गुजरात एवं मिजोरम में लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास, मुम्बई, बेंगलुरू व हरियाणा में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास एवं विस्तारीकरण, लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश अवसरों की तलाश करने, अंतर्देशीय जलमार्गों के तलकर्षण, सागरमाला के अंतर्गत 79 बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाओं के क्रियान्वयन, चेन्नई एवं विशाखापत्तनम पोर्ट तक जाने वाली बंदरगाह सड़कों के विकास और नवी मुम्बई में हवाई अड्डे तक कनेक्टिविटी इत्यादि के लिए इन एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इनमें से कुछ एमओयू सरकारी एजेंसियों के बीच हस्ताक्षरित किये गये हैं, जबकि कई एमओयू सरकार एवं कंपनियों के बीच तथा अन्य एमओयू विभिन्न कंपनियों के बीच हुए हैं।
इस शिखर सम्मेलन में देश-विदेश के लगभग 3000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें केन्द्र एवं राज्यों के सरकारी संगठनों और विश्व बैंक एवं एडीबी जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, वैश्विक परिवहन तथा सप्लाई चेन विशेषज्ञ और निजी कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
इस सम्मेलन के समापन सत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि यदि हम आर्थिक विकास दर को दहाई अंकों में ले जाने के साथ-साथ समाज के सबसे कमजोर तबकों का कल्याण भी सुनिश्चित करना चाहते हैं तो देश में लॉजिस्टिक्स लागत को घटाकर उसे वैश्विक दरों के बराबर करना अत्यंत जरूरी है।
मंत्रालय ने इस अवसर पर सोलर टोल प्लाजा डिजाइन करने के लिए आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किये।