भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व स्ट्राइकर अहमद खान का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की पुष्टि क्लब ईस्ट बंगाल ने की है। क्लब ने बयान जारी करते हुए कहा, “क्लब बड़े दुख के साथ यह सूचित करता है कि रविवार 27 अगस्त को अहमद खान का बेंगलुरु में निधन हो गया। वह तकरीबन 90 साल के थे। वह फुटबॉल के महान खिलाड़ी थे और 2 बार ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। वह इस देश के महान फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
बता दें, अहमद खान अपने समय के सबसे बेहतरीन फुटबॉलरों में से एक थे। उन्होंने भारत के लिए दो ओलंपिक (1948 में लंदन और 1952 में हेलसिंकी) में प्रतिनिधित्व किया था। इसके अलावा अहमद प्रथम एशियाई खेलों (1951) में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय फुटबॉल टीम के अहम सदस्य रहे। 1948 लंदन ओलंपिक के पहले मैच में भारत ने फ्रांस को 2-1 से मात दी थी और अहमद खान की इस जीत में ख़ास भूमिका रही थी। वहीं, ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने अपने संदेश में कहा, “उनके निधन की खबर सुन कर मैं बहुत दुखी हूं। भारतीय फुटबॉल में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
अहमद ने ईस्ट बंगाल को 1949 में आईएफए शील्ड, कोलकाता लीग और रोवर्स कप जिताने में अहम भूमिका निभाई। 1951 में डूरंड कप जीतने वाली ईस्ट बंगाल टीम के हिस्सा थे। 1954 में मनीला में हुए एशियाई खेलों में भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी आइ.अरुमैनायगाम ने कहा, “अहमद का अपने शरीर और फुटबॉल पर नियंत्रण इतना बढ़िया था कि साथी खिलाड़ी उन्हें ‘सपेरा’ कहकर चिढ़ाते थे। वह सबका ध्यान अपनी ओर खींचने में माहिर था। हमलोग प्यार से उन्हें ‘पामबती” बुलाते थे। अहमद 1949 से 1959 तक ईस्ट बंगाल का अहम हिस्सा रहे। वह क्लब के अंतिम पांच पांडवों में से एक थे। इस पांच पांडव में उनके अलावा धनराज, अप्पा राव, सालेह और वेंकटेश शामिल थे। भारतीय फुटबॉल जगत ने आज एक बड़ा सितारा खो दिया है।”