नई दिल्लीः रेल मंत्रालय अपनी ज्यादातर गैर-कर्षण ऊर्जा जरूरतों जैसे कि रेलवे स्टाफ कॉलोनियों, रेलवे स्टेशनों, रेलवे प्लेटफॉर्मों इत्यादि के लिए शत-प्रतिशत एलईडी लाइटें की व्यवस्था करने पर सक्रियतापूर्वक कार्य कर रहा है। इस शत-प्रतिशत एलईडी पहल के तहत रेल मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के आखिर यानी 31 मार्च, 2018 तक सभी रेलवे स्टेशनों को शत-प्रतिशत एलईडी लाइटों से रोशन करने का निर्णय लिया है। यह कम बिजली खपत वाली लाइटिंग व्यवस्था प्रदान करने की दिशा में एक प्रमुख पहल है, जिससे आगे चलकर पर्यावरण संरक्षण में भी काफी मदद मिलेगी।
नवम्बर, 2017 तक लगभग 3500 रेलवे स्टेशनों पर शत-प्रतिशत एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं और बाकी बचे सभी रेलवे स्टेशनों तथा रेलवे की विभिन्न इमारतों पर भी शत-प्रतिशत एलईडी लाइटें लगाने का काम चालू वित्त वर्ष में पूरा हो जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत अब तक विभिन्न जोनल रेलवे के स्टेशनों पर लगभग 20 लाख एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं। समस्त स्टेशनों पर एलईडी लाइटें लगाने के प्रावधान पर आगे अमल करने के लिए इस क्षेत्र में ईएससीओ मोड को भी अपनाया जा रहा है। इस संदर्भ में रेल मंत्रालय द्वारा एक नीतिगत निर्देश तैयार एवं जारी किया गया है। अत: शत-प्रतिशत एलईडी लाइटों से भारतीय रेलवे में ऊर्जा परिदृश्य बेहतर हो जाएगा और इसके गैर-कर्षण उपयोगों के लिए इस्तेमाल की जा रही कुल ऊर्जा के लगभग 10 प्रतिशत की खपत कम हो जाएगी। इससे लगभग 240 मिलियन यूनिट बिजली की बचत होगी, जिससे रेलवे को हर साल लगभग 180 करोड़ रुपये की बचत होगी।
वर्ष 2016-17 में इन पहलों के साथ-साथ उठाए गए अन्य कदमों से वर्ष 2016-2017 गैर-कर्षण ऊर्जा खपत में 5.5 प्रतिशत की कमी संभव हो पाई अर्थात लोड में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि होने के बावजूद ऊर्जा खपत में 4.1 प्रतिशत की कमी हुई, जिससे 100 करोड़ रुपये की बचत हुई।
रेल मंत्रालय ने आवासीय क्वार्टरों में भी एलईडी लाइट फिटिंग लगाने के लिए जोनल रेलवे को निर्देश दिए हैं। जोनल रेलवे घरेलू दक्ष लाइटिंग कार्यक्रम (डीईएलपी) स्कीम के तहत अक्टूबर, 2017 तक रेल कर्मचारियों को लगभग 20 लाख एलईडी से जलने वाले उपकरण उपलब्ध करा चुके हैं।
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