नई दिल्ली: जल्दी खराब हो जाने वाले माल के आवागमन के मद्देनजर भारतीय रेल ने उच्च क्षमता वाले पार्सल डिब्बों का विकास किया है। इनकी क्षमता 23 टन है और इन्हें स्थान तथा परिचालन को ध्यान में रखते हुए यात्री गाड़ियों में जोड़ा जाएगा। रेल गाड़ी के जरिये दूध को लाने-ले-जाने के लिए उच्च क्षमता वाले दूध टैंकरों को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इनकी क्षमता 44.64 किलोलीटर है और इन्हें विशेष रेल गाड़ियों के रूप में चलाया जाता है। इस समय तीन दूध टैंकर गाड़ियां चलाई जा रही हैं, जिनमें से दो गाड़ियां गुजरात सहकारी दुग्ध विपरण परिसंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफएल), पालनपुर से भीमसेन तक और दूसरी गाड़ी मदर डेयरी, दौण्ड से बड़ोत के बीच में चला रहे हैं।
इसके अलावा भारतीय रेल आम, केला, संतरा इत्यादि जैसे फलों के थोक यातायात के लिए उच्च क्षमता वाले पार्सल डिब्बों पर आधारित विशेष मालगाड़ियां चला रही है। ये गाड़ियां विशेष स्रोत-गंतव्य स्टेशनों के बीच मांग के आधार पर चलती हैं।
कंटेनरों में बागवानी उत्पादों के आवागमन को ध्यान में रखकर भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड ने फलों और सब्जियों के आवागमन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए हुए 98 वेंटीलेटेड आईसोलेटेड कंटेनरों की व्यवस्था की है।
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