27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भावी पीढ़ी को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं एवं पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से प्रयास किया जाएगा: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भावी पीढ़ी को प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं एवं पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को अगले सत्र से एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम के आधार पर शिक्षा मुहैया कराने के लिए अभी से योजनाबद्ध ढंग से कार्य शुरु किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रत्येक स्तर की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए यथासम्भव तकनीक का सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव श्री अनिल स्वरूप एवं भारत सरकार के अन्य अधिकारियों के साथ ‘रोड मैप फाॅर ट्रांसफाॅर्मिंग स्कूल एजुकेशन, स्टेट आॅफ उत्तर प्रदेश’ पर विचार-विमर्श कर रहे थे। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जयसवाल तथा राज्य मंत्री श्री संदीप सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देश के विभिन्न प्रदेशों में अपनायी जा रही अच्छी एवं पारदर्शी कार्य पद्धतियों का अध्ययन कराकर उन्हें उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि राज्य में निजी स्कूलों एवं उसमें पढ़ने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है, जबकि राजकीय विद्यालयों में ड्राॅप आउट तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने इस मामले में तुरन्त कदम उठाने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक स्तर पर पारदर्शी व्यवस्था अपनाकर ऐसी कार्यप्रणाली लागू की जाए, जिससे छात्र विद्यालयों में आकर गम्भीरता से पढ़ना शुरु करें और अध्यापकों की उपस्थिति एवं उनके पढ़ाने की गुणवत्ता में भी सुधार हो।
योगी जी ने कहा कि छात्रों को आधार से जोड़ने के लिए सख्त एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं। प्रत्येक कक्षा में छात्रों के ज्ञान का एक न्यूनतम पैमाना निर्धारित कर कम से कम उस लक्ष्य को पाने का प्रयास अवश्य किया जाए। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि वर्तमान राज्य सरकार ने इस दिशा में गम्भीरता से काम करना शुरु किया है। उन्होंने अध्यापकों की स्थानांतरण नीति, विद्यालयों में उनकी उपस्थिति, पढ़ाने के तौर-तरीके, छात्रों की उपस्थिति आदि सभी क्षेत्रों में तकनीक के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि इससे आगामी कुछ वर्षों में ही राज्य की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव दिखायी देगा।
मुख्यमंत्री जी ने तकनीक का सहारा लेकर शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार को समाप्त करने पर बल देते हुए कहा कि जिन विद्यालयों में विद्युत की उपलब्धता न हो, वहां सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हुए कम्प्यूटर संचालन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में कई ऐसे प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां छात्रों की संख्या बहुत कम है। ऐसे विद्यालयों को बंद कर उनका नजदीकी विद्यालय में समायोजन करने पर विचार किया जाए। इस व्यवस्था के फलस्वरूप उपलब्ध अतिरिक्त शिक्षकों को जरूरतमंद विद्यालयों में समायोजित किया जाए।
योगी जी ने विद्यालयों के जी0आई0एस0 मैपिंग पर बल देते हुए कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए पारदर्शी व्यवस्था अपनायी जाए। उन्होंने एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम अपनाने पर बल देते हुए कहा कि इससे उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सहूलियत होगी और वे हीन भावना के शिकार नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार एन0सी0ई0आर0टी0 के पाठ्यक्रम में स्थानीय पाठों को सम्मिलित किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने छोटे बच्चों पर बस्ते का बोझ कम करने, स्कूलों की पढ़ाई एवं प्रबन्धन में अभिभावकों एवं स्थानीय लोगों का एक प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप बनाने एवं सी0बी0एस0ई0 के और अधिक क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जाने पर बल दिया। इसके साथ ही, केन्द्र सरकार की परिणाम मंजूषा योजना की तरह माध्यमिक शिक्षा परिषद के प्राप्तांक एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आॅनलाइन व्यवस्था शुरु करने के भी निर्देश दिए।
इस मौके पर माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More