नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए कानूनी और अन्य प्रक्रियागत सुधारों के साथ-साथ लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना भी जरूरी है। सिंह ने आज यहां जाने – माने अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय की पुस्तक ‘ऑन द ट्रेल ऑफ द ब्लैक’ का विमोचन करते हुए कहा केवल प्रक्रिया और प्रणालियों में सुधार के बल पर ही भ्रष्टाचार को नहीं रोका जा सकता। लोगों की मानसिकता में बदलाव की भी जरूरत है।
साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन में संतोष सबसे बड़ा धन है। गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार की कोई’निश्चित परिभाषा’ नहीं है और यह किसी भी स्तर पर हो सकता है। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए ‘ईमानदारी से काम’ कर रही है। ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की है और वह इसे समाप्त करने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं। सिस्टम में सुधार के लिए उन्होंने कई सुधारों की शुरूआत की है। इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी मौजूद थे।
पंजाब केसरी