नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज 2018-19 मौसम के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने की अपनी स्वीकृति दे दी।
2018-19 मौसम के लिए शुद्ध औसत क्वालिटी (एफएक्यू) के कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3,700 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह मूल्य 2017-18 मौसम में प्रति क्विंटल 3,500 रुपये था।
न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन के भारित औसत ए2+एफएल लागत से 63.2 प्रतिशत अधिक लाभ देगा। आशा की जाती है कि कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों को उचित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित होगा और जूट उत्पादन में निवेश बढ़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी।
बढ़ाया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है। आयोग न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करते हुए उत्पादन लागत, समग्र मांग आपूर्ति, घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय मूल्य, अंतर-फसल मूल्य समानता, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों के बीच व्यापार शर्तों तथा शेष अर्थव्यवस्था पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के संभावित प्रभाव को ध्यान में रखता है।
भारतीय जूट निगम जूट उत्पादक राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूल्य समर्थन संचालन के लिए केन्द्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता रहेगा।