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मंत्रिमंडल ने केन्‍द्रीय क्षेत्र की नई स्‍कीम – ‘प्रधानमंत्री किसान सम्‍पदा योजना को मंजूरी प्रदान की’

कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल ने आज अपनी बैठक में 14वें वित्‍त आयोग के चक्र की सह-समाप्ति वर्ष 2016-20 अ‍वधि के लिए 6,000 करोड़ रुपये के आवंटन से केन्‍द्रीय क्षेत्र की नई स्‍कीम-सम्‍पदा (कृषि समुद्री उत्‍पाद प्रसंसकरण एवं कृषि प्रसंस्‍करण क्‍लस्‍टर विकास योजना के पुन: नामकरण ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्‍पदा योजना’’ का अनुमोदन कर दिया है।

 उद्देश्‍य :

 प्रधानमंत्री किसान सम्‍पदा योजना का उद्देश्‍य कृषि न्‍यूनता पूर्ण करना, प्रसंस्‍करण का आधुनिकीकरण करना और कृषि-बर्बादी को कम करना है।

 वित्‍तीय आवंटन :

 6,000 करोड़ रुपए के आवंटन से प्रधानमंत्री किसान सम्‍पदा योजना से 2019-20 तक देश में 31,400 करोड़ रुपए के निवेश के लैवरेज होने, 1,04,125 करोड़ रुपये मूल्‍य के 334 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्‍पाद के संचलन, 20 लाख किसानों को लाभ प्राप्‍त होने और 5,30,500 प्रत्‍यक्ष/अप्रत्‍यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है।

 प्रभाव : 

  • पीएमकेएसवाई के कार्यान्‍वयन से आधुनिक आधारभूत संरचना का निर्माण और प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला तथा फार्म के गेट से खुदरा दुकान तक प्रभावी प्रबंधन हो सकेगा।
  • इससे देश में खाद्य प्रसंस्‍करण को व्‍यापक बढ़ावा मिलेगा।
  • इससे किसानों को बेहतर मूल्‍य पाने में मदद मिलेगी और यह किसानों की आमदनी दोगुना करने के दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • इससे रोजगार के बड़े अवसर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्‍ध हो सकेंगे।
  • इससे कृषि उत्‍पादों की बर्बादी रोकने, प्रसंस्‍करण स्‍तर बढ़ाने, उपभोक्‍तआओं को उचित मूल्‍य पर सुरक्षित और सुविधाजनक प्रसंस्‍कृत खाद्यान्‍न की उपलब्‍धता के साथ प्रसंस्‍कृत खाद्यान्‍न का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उपाय

 खाद्य प्रसंस्‍करण और सकल घरेलू उत्‍पाद, रोजगार और निवेश में इसके योगदान के अनुरूप भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के एक महत्‍वपूवर्ण खंड के रूप में उभरा है। 2015-16 के दौरान इस क्षेत्र का विनिर्माण एवं कृषि क्षेत्रों में जीवीए का क्रमश: 9.1 और 8.6% हिस्‍सा था। एनडीए सरकार के घोषणा पत्र का बल किसानों के लिए बेहतर आय उपलब्‍ध कराने तथा जॉब्‍स सृजन के लिए खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग की स्‍थापना करने को प्रोत्‍साहित देने पर है।

 सरकार ने खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र को प्रोत्‍साहन देने के लिए अन्‍य अनेक कदम उठाए हैं जैसे :

  • खाद्य प्रसंस्‍करण और खुदरा क्षेत्र में निवेश को गति देने के लिए सरकार ने भारत में निर्मित और अथवा उत्‍पादित खाद्य उत्‍पादों के बारे में ई-कॉमर्स के माध्‍यम से व्‍यापार सहित व्‍यापार में 100 प्रतिशत प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है। इससे किसानों को बहुत अधिक लाभ होगा तथा बैक एंड अवसंरचना का सृजन होगा और रोजगार के महत्‍वपूर्ण अवसर प्राप्‍त होंगे।
  • सरकार ने अभिहित खाद्य पार्कों और इनमें स्थित कृषि-प्रसंस्‍करण यूनिटों को रियायती ब्‍याज दर पर वहनीय क्रेडिट उपलब्‍ध कराने के लिए नाबार्ड में 2000 करोड़ रूपए का विशेष कोष भी स्‍थापित किया है।
  • खाद्य एवं कृषि आधारित प्रसंस्‍करण यूनिटों तथा शीतश्रृंखला अवसंरचना को प्राथमिकता क्षेत्र उधारी (पीएसएल) की परिधि में लाया गया है ताकि खाद्य प्रसंस्‍करण कार्यकलापों और अवसंरचना के लिए अतिरिक्‍त क्रेडिट उपलब्‍ध कराया जा सके और इस प्रकार खाद्य प्रसंस्‍करण को प्रोत्‍साहन मिलेगा, बर्बादी में कमी आएगी, रोजगार सृजित होगा एवं किसानों की आय बढ़ेगी।

 पृष्‍ठभूमि

 प्रधानमंत्री किसान सम्‍पदा योजना के कार्यान्‍वयन से खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कार्यक्षम आपूर्ति प्रबंधन सहित आधुनिक अवसंरचना का सृजन होगा। यह देश में न केवल खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के लिए न केवल बड़ा प्रोत्‍साहन होगा बल्कि किसानों को बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त करने मे सहायक होगा और किसानों की आय को दुगुना करने की एक बड़ा कदम है।

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