नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने प्रधानमंत्री के रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) को 5,500 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ 12वीं योजना से आगे तीन वर्षों के लिए 2017-18 से 2019-20 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है।
इस योजना से तीन वित्तीय वर्षों में 15 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) राष्ट्रीय स्तर पर नोडल क्रियान्वयन एजेंसी है। राज्य/जिला-स्तर पर, केवीआईसी के राज्य कार्यालय, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (केवीआईबी) तथा जिला उद्योग केन्द्र (डीआईसी) क्रियान्वयन एजेंसी होंगे। पीएमईजीपी – ईपोर्टल पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। निम्नलिखित तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य तय किए गए हैं:-
(i) राज्य के पिछड़ेपन की सीमा
(ii) बेरोजगारी की सीमा
(iii) पिछले वर्ष के लक्ष्यों को पूरा करने की सीमा
(iv) राज्य/केन्द्रशासित क्षेत्र की आबादी तथा
(v) परम्परागत कौशल और कच्चे माल की उपलब्धता
समावेशी विकास हासिल करने के लिए देश के सभी जिलों को 75 परियोजना/जिला का न्यूनतम लक्ष्य दिया गया है। सब्सिडी की उँची दर (25 प्रतिशत से 35 प्रतिशत) महिलाओं अजा/जजा, अन्य पिछड़े वर्ग, दिव्यांग, ग्रामीण क्षेत्रों में एनईआर आवेदकों के लिए लागू होगी।
आवेदन प्रवाह की पूरी प्रक्रिया तथा आवेदन प्राप्ति से धन प्रवाह, प्रोसेसिंग, बैंकों द्वारा मंजूरी और मियादी जमा प्राप्ति (टीडीआर) बनने तक मार्जिन मनी सब्सिडी का अंतरण ऑनलाइन कर दिया गया है। https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/prneqphome/index.jsp. पोर्टल पर सम्पर्क किया जा सकता है
पृष्ठभूमि:
पीएमईजीपी 2008-09 से एमएसएमई मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा ऋण से जुड़ा प्रमुख सब्सिडी कार्यक्रम है। इस योजना का उद्देश्य पारम्परिक दस्तकारों तथा गामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं की सहायता करके गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम स्थापित करके स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है। योजना के प्रारंभ से 31.01.2018 तक अनुमानित 37.98 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हुए 9564.02 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी के साथ कुल 4.55 लाख सूक्ष्म उद्यमों को मदद दी गई है।
योजना में निम्नलिखित संशोधन/सुधार किए गए हैं:-
- वर्तमान और बेहतर प्रदर्शन करनेवाली पीएमईजीपी इकाइयों को उन्नयन के लिए 15 प्रतिशत की सब्सिडी के साथ एक करोड़ रुपए तक का दूसरा ऋण
- पीएमईजीपी में क्वायर उद्यमी योजना (सीयूवाई) का विलय
- समवर्ती निगरानी और मूल्यांकन पद्धति लागू करना
- आधार और पेन कार्ड अनिवार्य
- इकाइयों का भौगोलिक संकेत
- होटलों/ढाबों में मांसाहारी भोजन परोसने/बेचने तथा कृषि से अलग/कृषि से जुड़ी गतिविधियों को अनुमति देने के लिए पीएमईजीपी के अंतर्गत नकारात्मक सूची में संशोधन
- केवीआईसी/केवीआईवी/डीआईसी के लिए 30:30:40 का अनुपात निस्तारण
- मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के लिए परियोजना लागत के 40 प्रतिशत की कार्यशील पूंजी की सीमा तथा सेवा/व्यापार क्षेत्र के लिए परियोजना लागत की 60 प्रतिशत सीमा।