श्रीलंका के महान गेंदबाज़ लसिथ मलिंगा को करारा झटका लगा है। दरअसल, उन पर 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया है। आपको बता दें उन पर यह प्रतिबंध अनुशासनात्मक जांच के तहत कॉन्ट्रेक्ट के उल्लंघन करने पर लगाया गया है। मलिंगा पर यह आरोप है कि उन्होंने बिना अनुमति के मीडिया से बात की और खेल मंत्री पर विवादित बयान दिया। गौरतलब है कि मलिंगा ने चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान श्रीलंका के खेल मंत्री दयासिरी जयासेकारा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जिन्हें खेल की जानकारी नहीं होती वो इस तरह की बयानबाजी करते हैं। मलिंगा का यह बयान चैंपियंस ट्रॉफी में मिली हार के बाद आया था। मंत्री पर इस टिप्पणी के बाद श्रीलंका बोर्ड ने उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की।
मंत्री पर किए गए विवादित बयान के बाद सेक्रेटरी मोहन डी सिल्वा, एशले डी सिल्वा और अनुशासनात्मक समिति के चेयरमैन एसेला रेकावा की जांच समिति ने मलिंगा को दोषी मानते हुए उनको सज़ा सुनाई। वहीं इस बाबत खुद मलिंगा ने भी अपनी गलती को स्वीकार किया और औपचारिक माफी भी मांगी। 6 महीने के प्रतिबंध के साथ मलिंगा को अपने अगले एकदिवसीय मैच की 50% फीस जुर्माने के तौर पर देनी होगी। हालांकि मलिंगा आगामी ज़िम्बावे सीरीज के लिए टीम के चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे। विशेष रूप से आयोजित कार्यकारी समिति को इस पूरे मामले की जानकारी दी गई। जिसके बाद समिति ने मलिंगा के एक साल के निलंबन की सजा को छह महीने का कर दिया था। (जिससे सजा 6 महीने की अवधि के भीतर एक समान उल्लंघन की स्थिति में लगाई जाएगी)।
गौरतलब है कि मलिंगा ने खेल मंत्री दयासिरी जयासेकारा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्हें ऐसे लोगों की आलोचनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता जो केवल बैठकर अपनी कुर्सियां गर्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा था, ‘एक बंदर को तोते के घोंसले के बारे में क्या पता होगा? ऐसा लग रहा है कि एक बंदर तोते के घोंसले में ही बैठकर उसी घोंसले के बारे में बोल रहा हो।” मलिंगा के इस जवाब के बाद जयासेकारा ने कहा था, “मैंने टीम के खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर की गई आलोचना में मलिंगा का नाम नहीं लिया था, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से मेरा अपमान किया है।”
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