लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट एवं प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि यह सेवाएं दूरदराज के क्षेत्रों में हर हाल में पहुंचें यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालयों सहित प्रदेश की सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में अत्यधिक सुधार की आवश्यकता है। राज्य सरकार इस पर लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज अपने सरकारी आवास पर ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा’ के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज बैसाखी के दिन यह सेवा शुरू हो रही है, इस बात की उन्हें खुशी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विगत 2 वर्षाें से यह एम्बुलेंस उपलब्ध करायी जा रही थीं, परन्तु पिछली राज्य सरकार ने इसे अस्वीकार करते हुए राज्य की जनता को इस महत्वपूर्ण जीवन रक्षक प्रणाली से वंचित रखा। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी हो और वहां की सरकार केन्द्र द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपलब्ध करायी जा रही सहायता को ठुकरा रही हो तो वह कैसी सरकार है और क्या वह जनता का हित चाहती है।
श्री योगी ने कहा कि भारत का ढांचा फेडरल है। ऐसे में केन्द्र एवं राज्य की सरकारों को आपस में समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ सहयोग करते हुए चलना होता है, अन्यथा केन्द्र एवं राज्य की आपसी असहमति में जनता को मुश्किलें होती हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद से ही, राज्य सरकार के मंत्रिगण आपस में नित्यप्रति मिलकर चीजों को ठीक करने के विषय में चर्चा करते रहते हैं, ताकि लोक कल्याण संकल्प-पत्र को अमली जामा पहनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षाें में उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने का है, ताकि इसकी ‘बीमारू’ छवि बदल जाए। राज्य सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी का यह निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि सरकार अब जनता पर बोझ डालेगी। ऐसा बिल्कुल नहीं है और इसका इन्तेजाम किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हम अनावश्यक खर्चाें पर रोक लगाते हुए मितव्ययिता के माध्यम से इसकी भरपाई करेंगे।
श्री योगी ने कहा कि आज इस अवसर पर 150 एम्बुलेंसों की शुरुआत की जा रही है। शीघ्र ही 100 अतिरिक्त एम्बुलेंसों को भी इस सेवा में लगाया जाएगा। यह सभी एम्बुलेंस केन्द्र सरकार द्वारा एन0एच0एम0 के तहत उपलब्ध करायी गयी हैं। यह एम्बुलेंस जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित हैं। यह एम्बुलेंस गम्भीर मरीजों, ऐसे दुर्घटनाग्रस्त लोगों, जिन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है, के बहुत काम आएगी, क्योंकि ‘गोल्डेन आवर’ अर्थात पहला घण्टा जिसमें यदि इलाज की व्यवस्था हो जाए तो मरीज की जान बच सकती है, के दौरान यह कारगर साबित होगी। सभी एम्बुलेंस जी0पी0एस0 से माॅनीटर होंगी। इस सेवा का संचालन जी0वी0के0-ई0एम0आर0आई0 के माध्यम से किया जाएगा। यह संचालन करने वाली एजेन्सी की जिम्मेदारी होगी कि वह यह सुनिश्चित करे कि इस सेवा के तहत संचालित एम्बुलेंस के सभी उपकरण सुचारु रूप से काम करें, अन्यथा उपकरणों में खराबी पाये जाने पर 10,000 रुपये का दण्ड देय होगा। इस सेवा के तहत संचालित एम्बुलेंसों के सभी कार्याें की लगातार माॅनीटरिंग की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस सेवा के संचालन में लगे कर्मियों के मानदेय के भुगतान समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ‘108’ नम्बर की इस सेवा के तहत काॅल करने वाले के पास एम्बुलेंस 15 मिनट के अन्दर पहुंचेगी।
कार्यक्रम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार गरीबों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हम टेक्नोलाॅजी का बेहतर उपयोग स्वास्थ सेवाएं उपलब्ध कराने में करेंगे। आज उपलब्ध करायी गयी 150 एम्बुलेंस में से 75 एम्बुलेंस वर्ष 2014-15 के दौरान तथा 75 एम्बुलेंस वर्ष 2015-16 के दौरान एन0एच0एम0 के तहत केन्द्र सरकार ने उपलब्ध करायी थीं, जिनका उपयोग पिछली सरकार ने नहीं किया और प्रदेश की जनता इस महत्वपूर्ण सेवा से वंचित रह गयी। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूरा समर्थन दिया गया है। इस सेवा का उपयोग करते हुए दिल्ली से 200 कि0मी0 के दायरे में किसी मरीज को आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली तक भी पहुंचाने की व्यवस्था इसके तहत की गयी है। राज्य सरकार इस बात का पूरा प्रयास करेगी कि राज्य के सभी अस्पताल उच्च कोटि के बनें, जहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, ताकि उन्हें राज्य से बाहर न जाना पड़े।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने इस सेवा के ड्राइवरों को वाहनों की चाभियां भी मुहैया करवायीं। उन्होंने एक एम्बुलेंस का अवलोकन करने के पश्चात सभी वाहनों को झण्डी दिखाकर रवाना भी किया। उन्होंने अन्तिम एम्बुलेंस के सहायक के कंधे पर हाथ रखकर बधाई दी और सभी कर्मचारियों से ये कामना की कि वे मरीजों के लिए पूरी ईमानदारी व मेहनत से काम करेंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, परिवार कल्याण मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह सहित मंत्रिमण्डल के कई अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि इस सेवा के तहत कुल 150 एम्बुलंेस का संचालन किया जा रहा है। भविष्य में 100 और एम्बुलेंस को इस सेवा के तहत शामिल किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 108 सेवा के अन्तर्गत 1488 बी0एल0एस0 एम्बुलेंस संचालित हैं, जिनका संचालन जी0वी0के0-ई0एम0आर0आई0 के माध्यम से होता है। इनकी संचालन अवधि 05 वर्ष है और इनका इमरजेन्सी रिस्पाॅन्स सेण्टर लखनऊ में स्थापित है। इमरजेन्सी रिस्पाॅन्स सेण्टर में इन्टीग्रेटेड कम्प्यूटर टेक्नोलाॅजी, वाॅयस लोगर सिस्टम की व्यवस्था होगी।
इन एम्बुलेंस में ट्रांसपोर्ट वेंटिलेर, मल्टी पैरा माॅनीटर, डिफिब्रिलंेटर, फीटल डाप्लर जैसे विशिष्ट उपकरण लगाये गये हैं। इसके साथ ही इनमें अति गम्भीर रोगों के उपचार हेतु औषधियांे के साथ-साथ प्रशिक्षित इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन की भी व्यवस्था की गयी है। प्रत्येक एम्बुलेंस वातानुकूलित है और इनमें जी0पी0एस0 की भी व्यवस्था है।
अति गम्भीर रोगियों हेतु एम्बुलेंस का बेस लोकेशन जनपद मुख्यालय होगा। जिले के सी0एम0ओ0/सी0एम0एस0 के संदर्भन पर एम्बुलेंस उपलब्ध करायी जायेगी। 108 पर प्राप्त होने वाली सामान्य जनता की कालों हेतु भी आवश्यकतानुसार ए0एल0एस0 एम्बुलंेस उपलब्ध करायी जायेगी। दिल्ली से 200 किलोमीटर के अन्दर आने वाले जनपदों के मरीजों को दिल्ली के चिकित्सालयों में भेजने की भी व्यवस्था की जाएगी।
सेवा प्रदाता को एम्बुलेंस द्वारा माह में कुल तय की गयी दूरी के आधार पर भुगतान किया जाएगा। तय की गयी दूरी की गणना जी0पी0एस0 के आधार पर की जायेगी। दिन में काॅल प्राप्त होने के 5 मिनट के अन्दर (सुबह 8 से शाम 8) एवं रात्रि में 10 मिनट के अन्दर (शाम 8 से सुबह 8) एम्बुलंेस रवाना कर दी जायेगी। जिला चिकित्सालय के रोगियों को तत्काल एम्बुलंेस उपलब्ध करायी जायेगी।
यदि रोगी को जिला चिकित्सालय के अलावा किसी अन्य स्थान से पिकअप किया जाना है तो शहरी क्षेत्र में 30 मिनट एवं ग्रामीण क्षेत्र 45 मिनट में एम्बुलेंस को रोगी तक पहुंचाया जायेगा। यदि एम्बुलंेस के सामान्य उपकरणांे, औषधियों, कंज्यूमेबल आदि में कमी पायी जाती है तो 1000 रुपए प्रति डिफाल्ट की पैनाल्टी लगायी जायेगी। यदि एयरकन्डीशनर, एडवांस उपकरणों मंे कमी पायी जाती है तो 10,000 रुपए प्रति डिफाल्ट की पैनाल्टी लगायी जायेगी।