लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि भू-माफियाओं से सार्वजनिक भूमि को खाली कराने का अभियान और तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि जमीन खाली कराने में आने वाले खर्च को भू-माफियाओं से ही वसूला जाए। भू-माफिया द्वारा जमीन को अवैध कब्जे में रखे जाने से सरकार को हुई आर्थिक क्षति का आकलन करते हुए उस धनराशि की वसूली भी भू-माफिया से ही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने राजस्व संहिता-2016 में आवश्यकतानुसार संशोधन करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस संहिता में महिलाओं के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां योजना भवन में एण्टी भू-माफिया पोर्टल एवं खतौनी के आॅनलाइन नामान्तरण के पोर्टल के लोकार्पण अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने खतौनी अंश निर्धारण एवं खतौनी में आधार सीडिंग का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने जनपद बाराबंकी के ग्राम कायमपुर में चलाये गये पायलेट प्रोजेक्ट के 10 लाभार्थियों को कम्प्यूटराइज्ड खतौनी वितरित की, जिस पर खाताधारकों के अंश का उल्लेख भी किया गया है। आगामी वर्ष से इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने एण्टी भू-माफिया पोर्टल की व्यवस्था पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे भू-माफियाओं के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई में मदद मिलेगी।
योगी जी ने विगत कुछ वर्षाें से प्रदेश में व्याप्त अराजकता का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके मूल में भू-माफिया के साथ-साथ राजस्व से सम्बन्धित वादों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नगरों एवं गांवों के 60 प्रतिशत से अधिक विवाद राजस्व से सम्बन्धित ही हैं। उन्होंने कहा कि लेखपाल और तहसील की कार्य-प्रणाली ठीक हो जाए तो आम लोगों को काफी राहत मिल सकती है। इस विभाग में तैनात अधिकारी अपने दायित्वों के निर्वहन के बजाय समस्याओं को एक-दूसरे पर टालने का प्रयास करते हैं।
मथुरा के जवाहर बाग काण्ड का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस अवैध कब्जे के कारण कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि वर्तमान राज्य सरकार के आने के बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों ने सकारात्मक सोच के साथ काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर एण्टी भू-माफिया पोर्टल की व्यवस्था पहले ही रही होती तो जवाहर बाग जैसी घटना को रोका जा सकता है।
योगी जी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मात्र एक माह में ही एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स द्वारा प्रभावी कार्य किया गया है। अब तक पूरे प्रदेश में ग्राम सभा/राजकीय भूमि पर कब्जा करने वाले 1,53,808 अतिक्रमणकर्ताओं को चिन्हित किया गया है। 16,505 अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध राजस्व/सिविल वाद दायर किये गये हैं। साथ ही, 940 प्रकरणों में वैधानिक कार्रवाई करायी गयी है। उन्होंने कहा कि अभियान अवधि में अब तक करीब 5,895 हेक्टेयर अतिक्रमित भूमि को अवमुक्त कराया गया है। इसी प्रकार, पूरे राज्य में 1,035 भू-माफियाओं को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध गुण्डा एक्ट व गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी है। इनमें 371 भू-माफियाओं के विरुद्ध आपराधिक धाराओं व 637 के विरुद्ध राजस्व/सिविल वाद दायर करते हुए करीब 838 हेक्टेयर अतिक्रमित भूमि अवमुक्त करायी गयी है। उन्होंने इस उपलब्धि को नाकाफी बताते हुए कहा कि अभियान को और अधिक तेजी से चलाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आम जनता को समय से न्याय देने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राजस्व वाद एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलते रहते हैं। इससे शासन-व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। इसी प्रकार, गांव की चकबन्दी पूरी होने में कई दशक लग जाते हैं। इससे कई प्रकार के विवाद भी पैदा हो जाते हैं। उन्होंने राजस्व परिषद में तैनात अधिकारियों को मुकदमों की संख्या निर्धारित करने का सुझाव देते हुए कहा कि तहसील स्तर तक प्रतिदिन एवं प्रतिमाह राजस्व वादों के निस्तारण की संख्या निर्धारित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर गरीब न्याय से वंचित होता है तो शासन-व्यवस्था को लोक कल्याणकारी कहलाने का हक नहीं है। उन्होंने अधिकारियों का आह्वाहन किया कि उनकी कार्य प्रणाली जनविश्वास को बढ़ाने वाली होनी चाहिए। उन्होंने वादों के निस्तारण में समय-सीमा के निर्धारण पर बल देते हुए कहा कि तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
सस्ता एवं सुलभ न्याय उपलब्ध कराने की अपेक्षा करते हुए योगी जी ने कहा कि अभी राजस्व विभाग को इस सम्बन्ध में काफी प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि नामान्तरण की प्रक्रिया को त्वरित एवं पारदर्शी बनाने हेतु आवेदन प्रक्रिया को आॅनलाइन करने की व्यवस्था से जनता को लाभ होगा। उन्होंने राजस्व न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे प्रदेश में स्थापित 2,294 राजस्व न्यायालयों के माध्यम से राजस्व वादों के निस्तारण में मदद मिलेगी। राजस्व न्यायालयांे में चल रहे करीब 6,81,000 वादों को समय-सीमा में निस्तारित करने के लिए रणनीति बनाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जुलाई, 2017 से तहसील, विकास खण्ड एवं थानों पर आयोजित होने वाले दिवसों में वे स्वयं तथा राज्य सरकार के मंत्री उपस्थित रहकर इस बात का जाएज़ा लेंगे कि सम्पूर्ण समाधान के लिए आयोजित तहसील दिवस आदि कितने प्रभावी बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनके जनता दर्शन में आने वाले अधिकांश लोग ऐसी समस्याओं को लेकर आते हैं, जिनका आसानी से निस्तारण सम्पूर्ण समाधान दिवस में किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को और अधिक संवेदनशील होने के निर्देश दिये।
इससे पूर्व, अपने सम्बोधन में राजस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जैसवाल ने कहा कि एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स द्वारा की जा रही कार्रवाई से जनता का विश्वास शासन-व्यवस्था में बढ़ेगा। राजस्व परिषद के अध्यक्ष श्री प्रवीर कुमार ने कहा कि राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ करने, अराजक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए तकनीक को और अधिक उपयोग में लाने का काम किया जाएगा।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डाॅ० दिनेश शर्मा, राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह, मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव राजस्व सहित कई जनपदों के जिलाधिकारी एवं शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।