लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि व्यवसायका आधार विश्वास है। विश्वसनीयता की कसौटी पर खरा उतरने पर बिजनेस बहुत लाभकारी हो सकता है। प्रदेश में व्यवसाय की अपार सम्भावनाएं हैं। लेकिन सफलता के लिए व्यवसाय और व्यवसायियों पर जनता का विश्वास आवश्यक है। वर्तमान में रीयल इस्टेट के बिजनेस को लोगों के विश्वास पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती है। उन्होंने चुनौती में सफलता के लिए रीयल इस्टेट व्यवसायियों को अपनी शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां क्रेडाई (कन्फेडरेशन आॅफ रीयल इस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन्स आॅफ इण्डिया) द्वारा आयोजित यू0पी0 अहेड काॅन्क्लेव में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का 04 माह का अनुभव है कि प्रदेश में बिल्डर्स और बायर्स के बीच में बड़ी समस्या है। बिल्डर्स द्वारा जिनके आवास बनाए जा रहे हैं, उनका विश्वास खो देने पर व्यवसाय और सेवा कार्य दोनों पर असर होगा।
योगी जी ने कहा कि रीयल इस्टेट सेक्टर द्वारा योजनाओं को आधा-अधूरा छोड़ देना सबसे बड़ा संकट है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में यही समस्या सामने आ रही है। लगभग डेढ़ लाख बायर्स को पैसा अदा करने के बाद भी आवास नहीं मिल पा रहा है। रीयल इस्टेट सेक्टर के इस व्यवहार से विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयास पर कुछ बिल्डर्स ने सकारात्मक रुख अपनाया और आवास देने की समय-सीमा तय कर दी। जबकि कुछ बिल्डर्स कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। संवाद से रास्ता न निकलने पर प्रदेश सरकार को सख्त कदम उठाना पड़ेगा। उन्होंने बिल्डर्स से कड़ी कार्रवाई की स्थिति न उत्पन्न करने की अपील करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार की भावनाओं को समझकर प्रदेश के विकास में अपना अंशदान दें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दूसरी बड़ी समस्या अनधिकृत कालोनियों के निर्माण की है। विकासकर्ताओं द्वारा बिना बिजली, पानी, सड़क, सीवर, डेªेनेज आदि सुविधाओं का विकास किए कालोनियां बना दी जाती हैं। बाद में इन कालोनियों का नगर निगम अथवा विकास प्राधिकरण आदि संस्थाओं द्वारा अधिग्रहण कर इनके विकास के लिए अभियान चलाया जाता है। शहरी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के लिए आने वाला व्यक्ति बीमारी का शिकार हो जाता है और दोष सरकार पर आता है कि वह कुछ नहीं कर रही है। जबकि इन अनाधिकृत कालोनियों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति को रोके जाने की आवश्यकता है। इन समस्याओं के समाधान में क्रेडाई जैसी संस्था को आगे आना चाहिए।
योगी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वर्ष 2022 तक सभी को आवास मुहैया कराने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार अधिक से अधिक मकानों का निर्माण कराना चाहती है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 48 लाख लोगों के पास अपने मकान नहीं हैं। इसी प्रकार शहरी इलाकों में भी बड़ी आबादी के पास मकान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास के लिए 01 लाख 20 हजार रुपए, स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय के लिए 12 हजार रुपए तथा स्वयं मजदूरी कर मकान बनाने पर लगभग 15 हजार रुपए की अतिरिक्त धनराशि देने की व्यवस्था है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 10 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य है, जिसमें से 06 लाख परिवारों को चिन्हित कर धनराशि का आवंटन भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए राज्य सरकार ने 02 लाख आवासों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा डेढ़ लाख रुपए तथा राज्य सरकार द्वारा 01 लाख रुपए, इस तरह कुल ढाई लाख रुपए की धनराशि दी जाती है। नगरीय विकास विभाग ने जो माॅडल आवास बनाए हैं, उनकी लागत लगभग 03 लाख 34 हजार रुपए आ रही है। इन आवासों में दो छोटे कमरे, अटैच किचन तथा लैटरिन बाथरूम की व्यवस्था है। इस प्रकार लाभार्थी को लगभग 01 लाख रुपए स्वयं लगाना है, जिसकी व्यवस्था बैंक के सस्ते दर पर कर्ज के माध्यम से भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि रीयल इस्टेट सेक्टर द्वारा रुचि लेकर सहयोग करने पर यह लक्ष्य भी आसानी से पूरा किया जा सकता है।
योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में भारत सरकार के ‘रेरा’ एक्ट को लागू कर दिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले में रीयल इस्टेट सेक्टर के सहयोग और समर्थन के लिए प्रसन्नता जताते हुए उन्होंने कहा कि इस एक्ट में आॅनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। 26 जुलाई, 2017 को इसका पोर्टल भी लाॅन्च कर दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार द्वारा पारित बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटित धनराशि का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार बजट व्यवस्था एवं निर्धारित लक्ष्य के साथ काम कर रही है। इसके अलावा केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में विभिन्न शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने का काम भी प्रगति में है। अमृत योजना के तहत भी शहरों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का काम चल रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ ही बुन्देलखण्ड के विभिन्न शहरों को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की कार्रवाई प्रारम्भ की गई है। रीजनल कनेक्टिविटी के तहत प्रदेश के शहरों को जोड़ने की कार्य योजना को भी आगे बढ़ाया गया है। इससे प्रदेश में काम करने के बहुत अवसर पैदा हुए हैं।
योगी जी ने कहा कि वर्ष 2019 में प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक मेले अर्द्धकुम्भ का आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर यहां 12 से 15 करोड़ लोग संगम स्नान के लिए आएंगे। विश्व परिदृश्य में उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत करने का यह बड़ा मौका होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश दुनिया में राम, बुद्ध, कृष्ण, शिव के नाम से जाना जाता है। केन्द्र सरकार के स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना के तहत प्रदेश में रिलीजियस टूरिज्म के लिए तीर्थ स्थलों को विकसित करने हेतु युद्धस्तर पर काम प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश में इको-टूरिज्म की सम्भावनाओं के दृष्टिगत तीव्र गति से काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा जी और उसकी सहायक नदियों को सभी तरह के प्रदूषण से मुक्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में ईमानदारी से काम करे तो विकास का लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि जन-धन खाता, विमुद्रीकरण, जी0एस0टी0 आदि से अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है। प्रदेश के औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 लागू की गई है। प्रदेश और केन्द्र सरकार समन्वय के साथ राज्य के समग्र विकास के लिए काम कर रही है। कार्यक्रम को क्रेडाई के नेशनल प्रेसीडेण्ट श्री जक्सय शाह, क्रेडाई यू0पी0 के चेयरमैन श्री एस0के0 गर्ग, अध्यक्ष श्री संजय सेठ ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने क्रेडाई की पत्रिका ‘पल्स’ का विमोचन किया तथा श्री शान्तनु गुप्ता द्वारा लिखी जा रही मुख्यमंत्री जी की बायोग्राफी ‘द माॅन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ के कवर पेज का अनावरण भी किया।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना, वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चैहान, प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नन्द गोपाल नन्दी, आवास राज्य मंत्री श्री सुरेश पासी सहित जनप्रतिनिधिगण, क्रेडाई के नेशनल चेयरमैन श्री गीताम्बर आनन्द, अन्य पदाधिकारी तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।