लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद सिद्धार्थनगर के भ्रमण के दौरान जिले की कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि शासन के निर्देशानुसार समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में प्रातः 09ः00 बजे 11ः00 बजे तक जनता की शिकायतों की सुनवाई करके उसका निस्तारण समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए। जनपद की समस्त तहसीलों एवं थानों में जनता की समस्याओं के निस्तारण की कार्यवाही संवेदनशीलता के साथ पूर्ण कराई जाए। थाना दिवस में औसत मात्र 03 प्रकरण के निस्तारण पर मुख्यमंत्री जी ने आपत्ति व्यक्त करते हुये अधिकारियों को अपेक्षित सुधार हेतु निर्देशित किया। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि जनता की कोई भी शिकायत उनके स्तर तक किसी भी दशा में न आने पाए। यदि सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा इस पर गम्भीरता से कार्यवाही नहीं की गयी तो वे दण्ड के लिए तैयार रहें।
योगी जी द्वारा सर्वप्रथम जनपद की कानून व्यवस्था की समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि छोटा जनपद होने के बावजूद सिद्धार्थनगर में पिछले 04 माह में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। यूपी ‘100’ की शिकायतें मेरे संज्ञान में आयी हैं कि इसके द्वारा अवैध वसूली की जाती है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को जांँच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शातिर अपराधियों, गुण्डों एवं भू-माफियाओं के विरुद्ध अभियान चलाकर सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि जो चिकित्सक लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं, उनके टर्मिनेशन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही साथ विगत 04 माहों से जो चिकित्सक अनुपस्थित रहकर भी वेतन ले रहे हैं, उनकी जाँच संयुक्त निदेशक चिकित्सा, बस्ती मण्डल द्वारा की जाए तथा जांच रिपोर्ट शासन को एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि समस्त पी0एच0सी0/सी0एच0सी0 एवं जिला चिकित्सालय में दवाओं की उपलब्धता बनी रहे। पी0एच0सी0/सी0एस0सी0 स्तर पर एण्टी रैबीज़ वैक्सीन की उपलब्धता प्रत्येक दशा में बनी रहे। गर्भवती महिलाओं के नियमित टीकाकरण के साथ-साथ, जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत प्रसूताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन धनराशि का समय से वितरण किया जाए। ‘102’ तथा ‘108’ एम्बुलेन्स सेवाएं प्रत्येक दशा में मरीजों को उपलब्ध रहें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जिन मरीजों की अस्पतालों में मृत्यु हो जाती है, उनके पार्थिव शरीर को उनके घर तक सम्मानजनक तरीके से पहुँचाया जाए।
स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के सम्बन्ध में समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री जी ने हैण्डपम्पों की रिबोरिंग के लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति कम पाये जाने पर नाराजगी जतायी। उन्होंने अधिशासी अभियन्ता, जल निगम तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को नये शासनादेश के अनुसार हैण्डपम्पों के रिबोर की कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारीगण जनता के प्रति जवाबदेह बनें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों में धनराशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए। कुछ विकास खण्डों से प्रधानमंत्री आवास योजना के अपात्र लाभार्थियों के प्रकरण आए हैं, जिसमें विकास खण्डों द्वारा धनादोहन की शिकायत मिली हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को इसकी जाँच करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अपात्रों को किसी भी दशा में आवास नहीं मिलना चाहिए।
सड़कों को गड्ढामुक्त किये जाने की कार्यवाही की समीक्षा करते हुये मुख्यमंत्री जी ने अधिशासी अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि जो सड़कें गड्ढामुक्त करायी गयी है, उसकी गुणवत्ता की भी जाँच करायी जाए। इस कार्य की जाँच के लिये मण्डलायुक्त, बस्ती मण्डल को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधीक्षण अभियन्ता/मुख्य विकास अधिकारी के स्तर के अधिकारियों की टीम गठित करके जनपदवार सड़कों की जाँच कराकर 15 दिवस के अन्दर रिपोर्ट प्रेषित की जाए। उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि अपनी रिपोर्ट में सही सूचना दर्शायें तथा पुस्तकों एवं ड्रेस का वितरण जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाए।
योगी जी ने विद्युत आपूर्ति के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुये कहा कि शासन द्वारा जारी स्पष्ट गाइड लाइन के अनुसार जनपद मुख्यालय/तहसील/ग्रामीण क्षेत्रों में रोस्टर के अनुसार 24, 20 व 18 घण्टे बिजली आपूर्ति उपभोक्ताओं को कराएं। साथ ही, खराब ट्रान्सफार्मरों को शहरी क्षेत्र के 24 घण्टे में और ग्रामीण क्षेत्र के 48 घण्टे में प्रत्येक दशा में बदला जाए। उन्होंने जिलाधिकारी को चकबन्दी के गांवों के लम्बित प्रकरणों की जाँच कराकर एक सप्ताह में रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ड्रेनेज खण्ड में कुछ भुगतान फर्जी ढंग से कराये गये हैं तथा कुछ नियुक्तियाँ भी फर्जी तरीके से की गयी हैं। इसकी जाँच कराकर एक सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाय। मुख्यमंत्री जी ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि बढ़नी कस्बा जो नेपाल बाॅर्डर के कृष्णानगर से सटा हुआ एक कस्बा है, वहां साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था के विशेष प्रबन्ध किए जाएं। यहाँ पर बाहरी पर्यटक आते हैं इसलिये खास ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है, जिससे प्रदेश एवं देश की साफ-सुथरी छवि प्रदर्शित हो।
जनपद को खुले में शौच मुक्त करने के लिये जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री जी को जानकारी देते हुये बताया कि 15 अगस्त, 2017 को 100 ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त कराया जायेगा। इसके पश्चात 02 अक्टूबर, 2017 को 100 ग्राम पंचायतों को ख्ुाले में शौच से मुक्त किये जाने का रोस्टर निर्धारित किया गया है। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री जी को आश्वस्त किया कि दिसम्बर, 2018 के अन्त तक जनपद के समस्त ग्राम पंचायतों को खुले से शौच मुक्त करा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री जी ने जिला कृषि अधिकारी से जनपद में खाद की उपलब्धता एवं फसली ऋण मोचन की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी ली। उन्होने निर्देश दिए कि जनपद के पात्र फसली ऋण माफी के किसानों के आधार नम्बर को बैंक खातों से लिंक कराकर एवं जाँच प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात तहसीलवार कैम्प लगाकर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पात्र किसानों को प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने मृदा परीक्षण एवं उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिए।