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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का ग्राम स्तर तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए: जिलाधिकारी

उत्तर प्रदेश

झाँसी: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का ग्राम स्तर तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोग ले सके। जनपद की समस्त निकायों में आवेदन पत्र जमा करने हेतु काउण्टर खोले जाए। विकास खण्ड में भी योजनान्तर्गत आवेदकों के फार्म जमा कराये जाए। तहसील में प्रचार-प्रसार हेतु वालपेटिंग्स का इस्तेमाल किया जाए। उक्त समस्त निर्देश जिलाधिकारी श्री कर्ण सिंह चौहान ने विकास भवन सभागार में मुख्यमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के की जानकारी देते हुए उपस्थित अधिकारियों को दिए। उन्होने कहा कि इस योजना के द्वारा सामूहिक विवाह सम्पन्न कराकर समाज में सर्वधर्म-समभाव एवं सामाजिक समरसता को बढाना है।

जिलाधिकारी श्री कर्ण सिंह चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग एवं सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले निर्धन, जरुरतमंद व निराश्रित परिवारों की विवाह योग्य कन्याओं/विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं के विवाह हेतु शादी अनुदान योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रारम्भ की गयी है।

योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले निर्धन, जरुरतमंद व निराश्रित परिवारों की कन्याओं, विधवा व तलाकशुदा महिलाओं की शादी करने हेतु शादी अनुदान मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जानी है।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जनपद झांसी को 1 करोड 66 लाख रुपये प्राप्त हो गये है। उक्त धनराशि के माध्यम से 476 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया जा सकता है। अतः ज्यादा से ज्यादा लोग योजना में आवेदन करें। उन्होने निर्देश दिए है कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। सामूहिक विवाह का आयोजन माह जनवरी 2018 में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की पात्रता एवं अनुदाानित राशि की जानकारी देते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी इजराउल हक ने बताया है कि कन्या के अभिभावक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो तथा निराश्रित, निर्धन तथा जरुरतमंद हो।

आवेदक गरीबी रेखा की सीमान्तर्गत होना चाहिए। विवाह हेतु किये गये आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक होना अनिवार्य है तथा वर के लिए 21 वर्ष की आयु पूर्ण हो गयी हो। विवाह हेतु निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, ऐसी कन्या जो स्वयं दिव्यांग हो को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

उन्होने बताया कि कन्या दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु सहायता राशि बीस हजार रुपये कन्या के खाते में अंतरित की जाएगी किन्तु विधवा परित्यता/तलाकशुदा के मामले में सहायता राशि पच्चीस हजार रुपये होगी।

विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री (कपड़े, बिछिया, पायल चांदी की तथा 07 बर्तन) रु0 दस हजार किन्तु विधवा, परित्यता/तलाकशुदा के लिए यह धनराशि पांच हजार रुपये होगी। कार्यक्रम का आयोजन हेतु भोजन, पण्डाल, फर्नीचर, पेयजल, विघुत/प्रकाश व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु रु0 5000/प्रति जोड़ा विवाह समिति को दिया जाएगा। इस प्रकार एक जोड़े पर कुल 35,000/रुपये का व्ययभार आएगा। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में न्ययतम 10 जोड़े होना अनिवार्य है। उन्होने बताया कि जनपद में माह जनवरी 2018 को 100 जोड़ों को सामूहिक विवाह आयोजन का लक्ष्य रख गया है। योजना का लाभ लेने हेतु पात्रजन आवेदन करे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री अन्नावि दिनेश कुमार, मुख्य चित्किसाधिकारी डॉ. सुरेश सिंह, अपर जिलाधिकारी श्री विजय बहादुर सिंह के अलावा समस्त उप जिलाधिकारी भी मौजूद रहे।

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