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मेट्रो के निर्माण और संचालन की टिकाऊ प्रक्रिया के लिए नई प्रौद्योगिकी विकसित करने की आवश्‍यकता: हरदीप पुरी

देश-विदेशव्यापार

नई दिल्लीः केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप पुरी ने आज यहां कॉमेट 2018 की प्रबंधन बैठक के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए वैश्विक स्‍तर पर मेट्रो रेल प्रणाली के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए आपसी जानकारियों को साझा करने का अवसर प्रदान कर दुनिया भर के मेट्रो पेशेवरों को एक मंच पर लाने के लिए कॉमेट के प्रयासों की सराहना की।

बैठक में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंक‍र मिश्रा, दिल्‍ली मेट्रो रेल निगम के प्रबंधक निदेशक श्री मंगू सिंह तथा तथा लंदन स्थित रेलवे एंड ट्रांसपोर्ट स्‍ट्रेटजी सेंटर के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

श्री हरदीप पुरी ने कहा कि कॉमेट की बैठक इस बार भारत में आयोजित किया जाना इस दृष्टि से खास महत्‍व रखता है कि भारत में पिछले एक दशक में  मेट्रो रेल के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए है। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2002 में महज 8 कि.मी. मेट्रो लाइन के साथ हुई शुरूआत अब 425 कि.मी. मेट्रो लाइन में तब्‍दील हो चुकी है। पूरे देश में 10 विभिन्‍न शहरों में इन लाइनों पर मेट्रो रेल का परिचालन हो रहा है। अगले कुछ वर्षों में कई शहरों में नई मेट्रो लाइन शुरू करने की योजना भी है जिससे आने वाले समय में देश में मेट्रो लाइन का कुल विस्‍तार 700 कि.मी. हो जाने की संभावना है। उन्‍होंने कहा कि मेट्रो रेल सेवा के अलावा क्षेत्रीय स्‍तर पर रेल ट्रांजिट प्रणाली विकसित करने की भी योजना है।

श्री पुरी ने बताया कि भारत में सुनियोजित तरीके से मेट्रो रेल परिवहन सेवा विकसित करने के लिए सरकार की ओर से गत वर्ष मेट्रो रेल नीति बनाई गई। उन्‍होंने कहा कि इसके तहत देश में मेट्रो रेल के लिए आधारभूत संरचना खड़ा करने के लिए जरूरी वित्‍तीय मदद के वास्‍ते सरकार ने इसमें निजी क्षेत्र के सहयोग के अतिरिक्‍त धन जुटाने के कई अभिनव विकल्‍प प्रदान किए हैं। उन्‍होंने कहा कि यह नीति भविष्‍य में मेंट्रो रेल के विकास को और गति देगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्‍ली मेट्रो देश में मेट्रो रेल की प्रगति का प्रतीक बन चुकी है। दिल्‍ली मेट्रो का 230 कि.मी. लंबा नेटवर्क है। रोजाना इसमें 30 लाख लोग यात्रा करते हैं। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्‍तार आगामी एक वर्ष के भीतर 350 कि.मी. को पार कर जाएगा। ऐसा होते ही दिल्‍ली उन पांच शहरों में शामिल हो जाएगी जिनके पास दुनिया की सबसे बड़ी मेट्रो रेल सेवाएं हैं। उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली मेट्रो की सफलता ने देश के अन्‍य शहरों के समक्ष यह साबित किया है कि ऐसी बड़ी परियोजना किस तरह प्रभावी तरीके से लागू की जा सकती है।

 श्री पुरी ने देश में एक टिकाऊ मेट्रो प्रणाली के लिए जरूरी प्रौद्योगिकी विकसित करने पर जोर दिया। उन्‍होंने बैठक में शामिल प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे ऐसे महत्‍वपूर्ण सुझाव अपने साथ ले जाए जिससे मेट्रो यात्रियों की सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सके।

कॉमेट, दुनियाभर की प्रमुख रेल प्रणालियों का एक समूह है जो शहरी रेलवे के विकास के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय मानक तय करता है। दिल्‍ली मेट्रो रेल निगम जनवरी 2015, से इस समूह में शामिल हुआ है।

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