हल्द्वानी: साहब मेें आॅनलाइन गैस की बुकिंग कर रहा था। उसी समय गलती से मुझसे सब्सिडी छोडने का एक नंबर दब गया। जिससे कंपनी ने मुझे सब्सिडी के दायरे से बाहर कर दिया। सर, मेरे परिवार की वार्षिक आय दस लाख रूपये से बहुत कम है। इसलिए मेरे कनेक्शन को दोबारा सब्सिडी से जोड़ दे।
यह आवेदन सिर्फ राजेन्द्र नगर निवासी राजेन्द्र ने ही अपनी सब्सिडी वापस लेने के लिए नहीं किया, बल्कि नगर की एजेंसियों पर ऐसे सैकड़ों आवेदन पहुंच चुके है जिनकी गलती से सब्सिडी छूट चुकी है और अब वह गैस एजेंसियों के चक्कर काट रहे है। रसोई गैस की आईवीआरएस इंट्रैक्टिव वाॅयस रिस्पांस सिस्टम यानी मोबाइल फोन से बुकिंग करते वक्त सबसे पहले गैस कंपनी उपभोत्तफाओं से अपील करती है कि यदि वह देशहित में अपनी सब्सिडी छोडना चाहते है तो कृपया एक नंबर का बटन दबाएं। ऐसे में कई उपभोत्तफाओं ने गलती से एक बटन दबाया और वह सब्सिडी से बाहर हो गए।
अब कई माह तक उन्हें पता नहीं चल पाया, क्योंकि तब सब्सिडी की रकम 50 से 60 रूपये थी। लेकिन पिछले माह से गैस के दाम 750 रूपये के करीब पहुंच गए और खाते में सब्सिडी 300 रूपये के करीब आती है। सिलेंडर लेने के बाद 300 रूपये खाते में न आने से उपभोक्ता परेशान हो गए। जब उन्होंने इसके बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह अनजाने में सब्सिडी छोड़ चुके है। ऐसे उपभोत्ताओं की संख्या सैकड़ों का आंकड़ा पार कर रही है।
आइओसी हल्द्वानी के एरिया मैनेजर रवि मेहरा का कहना है कि जो उपभोत्ता सब्सिडी के दायरे मेें आते है और गलती से वह सब्सिडी से बाहर आ गए है तो वह गैस एजेंसी में प्रार्थना पत्रा देकर सब्सिडी से जुड़ सकते है। इंडियन गैस की सैल्स मैनेजर स्वाति गुप्ता का कहना है कि उपभोत्ता को एक प्रार्थना पत्रा लिखकर गैस एजेंसी में जमा करना होगा। एजेंसी उपभोत्ता के आवेदन को साॅफ्रटवेयर में अपलोड करेगी। जिसके बाद उपभोत्ता के कनेक्शन को दोबारा आधर से लिंक किया जाएगा। एक सप्ताह के भीतर उपभोत्ता सब्सिडी के दायरे में आ जाएंगे।
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