नई दिल्लीः रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा उत्पादन विभाग 18 जनवरी 2018 से चेन्नई में दो दिवसीय ‘रक्षा उद्योग विकास समागम’ का आयोजन कर रहा है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एडापड्डी के. पलानीस्वामी की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण करेंगी। इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय, राज्य सरकार और सैन्य सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय आयुध निर्माणियां (ओएफबी) के अध्यक्ष, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) के अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक, डीपीएसयू/ओएफबी तथा निजी उद्योग के वरिष्ठ कार्यकारी भी उपस्थित रहेंगे।
तमिलनाडु के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित और रक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष भामरे 19 जनवरी 2018 को नियत समापन समारोह में हिस्सा लेंगे।
समागम का उद्देश्य निजी उद्योग के साथ नई साझेदारी बनाना है, ताकि सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की जा सके। यह आयोजन मंत्रालय द्वारा रक्षा उत्पादन के संबंध में निजी उद्योगों की भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिए उठाये गये कदमों के अनुरूप किया जा रहा है। इसमें हिस्सा लेने वाली निजी कंपनियों और खासतौर से तमिलनाडु क्षेत्र के विक्रताओं को मौजूदा रक्षा खरीद नीति के बारे में जानकारी मिलेगी।
समागम की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:-
- 700 से अधिक विक्रेताओं के हिस्सा लेने की आशा।
- निजी उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए सत्रों के दौरान प्रेजेन्टेशन दिया जाएगा और डीपीएसयू/रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उन्हें बातचीत करने का अवसर दिया जाएगा। समागम के दौरान एयरोस्पेस, भू-प्रणालियों और नौसेना उपकरणों के संबंध में सत्रों की भी योजना है।
- रक्षा प्रदर्शनी-डीपीएसयू/ओएफबी आयोजन स्थल पर स्टॉल लगाएंगे और उन उपकरणों का प्रदर्शन करेंगे, जिन्हें निजी उद्योग/एमएसएमई द्वारा देश में बनाया जाना है। एक विशेष स्टॉल तमिलनाडु के एमएसएमई का लगाया जाएगा, जहां उनके उत्पादों/क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
- एमएसएमई द्वारा घरेलू स्तर पर निर्माण किये जाने संबंधी आवश्यक उपकरणों आदि का प्रदर्शन सेना, नौसेना और वायुसेना करेंगे। इस समागम से व्रिकेताओं को एक अनोखा अवसर प्राप्त होगा, जिसके तहत वे डीपीएसयू/ओएफबी के साथ बातचीत करके उनकी आवश्यकताओं और खरीद प्रक्रियाओं को समझ सकेंगे। इसके साथ ही डीपीएसयू/ओएफबी को भी निजी उद्योग की क्षमताओं का भी परिचय प्राप्त होगा।
- इस दो दिवसीय समागम के दौरान न केवल मौजूदा साझेदारी मजबूत होगी, बल्कि नये सहयोग का रास्ता भी खुलेगा।
- आशा की जाती है कि आयोजन में तमिलनाडु के सभी रक्षा संबंधी विक्रेता और आपूर्तिकर्ता एक छत के नीचे जमा होंगे तथा क्षेत्र में एयरोस्पेस एवं रक्षा ईको-प्रणाली की रचना में सहयोग करेंगे।