राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने ओडिशा के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि ओडिशा सरकार सकारात्मक पहल कर राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए अधिग्रहित भूमि के विस्तापित आदिवासियों की विभिन्न समस्याओं का अविलम्ब समाधान करे।
आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में आयोजित हुई बैठक में ओडिशा के मुख्य सचिव श्री आदित्य प्रसाद, प्रमुख राजस्व सचिव सी एस कुमार, सुंदरगढ के जिला कलेक्टर श्री विनीत भारद्वाज एवं आउरकेला स्टील प्लांट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अश्विनी कुमार समेत ओडिशा सरकार, केंद्रीय इस्पात मंत्रालय तथा राउरकेला स्टील संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।
आयोग ने केंद्रीय इस्पात मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी से जांच करवायें कि राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए अधिग्रहित भूमि किसी सहकारी समिति अथवा किसी निजी संस्था को उपयोग के लिए नहीं दी गई। साथ ही यह भी जांच की जाए कि संयंत्र को भविष्य में होने वाले विस्तार के लिए वास्तव में कितनी भूमि की जरूरत है तथा संयंत्र के पास अनुपयोगी भूमि कितनी है।
आयोग ने ओडिशा के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे विस्तापित आदिवासियों के रोजगार एवं कल्याण समेत विभिन्न मुददों पर कार्यवाही कर स्थायी समाधान निकालने का प्रयास करे। आयोग ने मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिए कि सरकार विस्थापितों के लिए आवंटित की गई आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि के स्थायी पट्टे करे। आयोग ने सुंदरगढ के जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि वे आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए तथा उन्हें संरक्षण प्रदान करने के लिए जरूरी कदम उठाए। आयोग ने जिला कलेक्टर एवं संयंत्र के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 1993 में रोजगार देने के लिए जिन 1098 लोगों को चिहिन्त किया गया था उनमें से शेष रहे लोगों को अविलम्ब संयंत्र में रोजगार दिया जाये। साथ ही जिन लोगों को रोजगार दिया गया उनका सत्यापन किया जाये कि क्या वास्तवित विस्तापितों को ही रोजगार दिया गया है।