देहरादून: उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि बदलते परिवेश में रेडक्रास के मायने भी बदल गये है पहले एम्बुलेंस के माध्यम से सेवा के लिए जानी-जाने वाली इस संस्था का आज काफी विस्तार हो चुका है। उन्होंनंे रेडक्रास द्वारा संचालित कार्यो का मूल्यांकन किये जाने पर बल देते हुए जनपदीय सदस्यों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर अमल करने को कहा, रेडक्रास को पुलिस एवं एस.डी.आर.एफ के साथ बेहतर समन्वय के साथ सड़क एवं अन्य दुर्घटनाओं में घायलों के त्वरित उपचार पर विशेष ध्यान के निर्देश भी राज्यपाल ने दिये, त्वरित उपचार उपलब्ध होने से कई जाने हम बचा सकते है। राज्यपाल ने कहा कि रेडक्रास के सदस्यों को त्वरित उपचार से सम्बंधित प्रशिक्षण के बाद उसका फीड बैक भी लेना चाहिये कि इसका लाभ कितने लोगो तक पहॅुच पाया है। उन्होंने कहा कि फस्र्ट-एड की पूरी जानकारी रेडक्रास के सदस्यों को होनी चाहिए तथा सडक दुर्घटना के रोकथाम में भी उन्हें सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए, उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में कितनी जाने जा रही है कितने जख्मी हो रहे है तथा इन हादसों के कारण पीडित परिवार को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है इस दिशा में भी ध्यान दिया जाना जरूरी है उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए पुलिस के सहयोग से जन-जागरूकता के प्रयासों पर भी बल दिया। सीमांत दुर्गम क्षेत्रों में बीमारी अथवा शारीरिक रूप से घायल होने की दिशा में त्वरित उपचार पर विशेष ध्यान दिये जाने पर भी उन्होंने बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि रेडक्रास द्वारा पीड़ित परिवारों को राहत के रूप में दी जाने वाली वित्तीय मदद के लिए पैरामीटर निर्धारित किये जाने की जरूरत है। जनपदों में जिलाधिकारी को संस्तुति के बाद ही ऐसी धनराशि का वितरण हो तथा इसकी माॅनीटरिंग पर भी ध्यान दिया जाये, उन्होंने कहा कि रक्तदान का बड़ा महत्व है इस दिशा में अधिक से अधिक युवा प्रेरित हो इसके लिए स्कूल काॅलेजों के छात्रों, एन.सी.सी. कैडटांे को भी पे्ररित किया जाना चाहिए साथ ही जिन क्षेत्रों में दुर्घटनाएं ज्यादा होती है वहाॅ ब्लड की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
राज्यपाल ने भारतीय रेडक्रास समिति उत्तराखण्ड की इस आम बैठक में, प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शिक्षा मत्री श्री अरविंद पाण्डे की उपस्थिति को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे इस आम सभा की इस बैठक में विभिन्न सदस्यों द्वारा उठायें गये विषयों पर त्वरित कार्यवाही किये जाने में मदद मिलेगी। राज्यपाल ने इस वर्ष भी रेडक्रास को 2 लाख रूपये की धनराशि प्रदान की।
स्टेट रेडक्रास सोसाइटी के कोष में वृद्वि पर चर्चा के दौरान राज्यपाल ने राज्य में स्थापित सभी बड़ी औद्यौगिक इकाइयों से सी.एस.आर योजना के तहत स्वास्थ, स्वच्छता व अन्य सामाजिक बुराईयों के खिलाफ जागरूकता अभियानों से सम्बन्धित शिविर आयोजित करने के लिए सहयोग हेतु संपर्क करने की सलाह दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पीड़ितो को त्वरित राहत पहॅुचाने के लिए संचालित किये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ वास्तिविक रूप से पीड़ितो तक पहुॅचे। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हमें रेडक्रास द्वारा प्रशिक्षित वोलोटियर के मन में जन सेवा का भाव जगाना होगा, ताकि आपदा के समय जरूरत मंदो की मदद के लिए वे तत्परता से प्रेरित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेडक्रास समिति के सदस्यों के सुझावों पर अमल किया जायेगा, उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सों की उपलब्ध्सता सुनिश्चित करने के लिए हम प्रयासरत है। डाक्टरों ने दुर्गम क्षेत्रों की अपनी ज्वाइनिंग देनी शुरू कर दी है। चिकित्सा क्षेत्र में अब जो भी नियुक्तियां होगी उनकी नियुक्ति में पर्वतीय क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जायेगी, पहले बाण्ड भरने के बाद भी डाक्टर दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देने को नहीं राजी थे, राज्य सरकार ने इस दिशा में प्रभावी पहल की तो इसका परिणाम है कि अब डाक्टर दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देने को तैयार हो रहे है।
मुख्यमंत्री ने डाक्टरो से सेवा भाव के आधार पर अपनी सेवायें देने की अपील की, तथा स्थानीय लोगो से भी डाक्टरों सहित अन्य सरकारी सेवकों के प्रति अच्छा व्यवहार व अपनत्व प्रदान करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विभिन्न जनपदों में लगभग 65 एम्बुलेंसों
की व्यवस्था की जायेगी। शिक्षा मंत्री श्री अरविंद पाण्डे ने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध से ही रेडक्रास का जुड़ाव रहा है। प्रदेश के विषम भौगोलिक वाले क्षेत्रों में त्वरित उपचार में रेडक्रास की भागीदारी रहती है। उन्होंने रेडक्रास से स्कूलों में पढ़ रहे गरीब छात्रों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर बल दिया।
बैठक में राज्य के विभिन्न जनपदों से आये रेडक्रास शाखा के प्रतिनिधियों/अधिकारियों से रेडक्रास को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा आमंत्रित सुझावों के तहत युवक मंगल दलों व स्कूलों को भी रेडक्रास से जोड़ने तथा कन्या भूण हत्या, बेटी बचाओ बेटी पड़ाओं जैसे कार्यक्रमों में भागीदारी सुनिश्चित करने, अधिक से अधिक जन औषधी केन्द्रो की स्थापना तथा डाक्टरों को इन केन्द्रों में उपलबध दवाओं को क्रय करने के लिए प्रेरित करने, 13 जनपदों में एक-एक गाॅव रेडक्रास द्वारा गोद लिए जाने, 11वीं कक्षा से फस्र्ट एड ट्रेनिंग की व्यवस्था किये जाने, टिहरी में रेडक्रास भवन निर्माण, विद्यालयों में फस्र्ट एड बाॅक्स उपलब्ध कराये जाने, जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे गए। सकारात्मक सुझावों से प्रभावित राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सभी जनपदों मुख्यतः दूरस्थ क्षेत्रों से आये जिला शाखा के प्रतिनिधियों में रेडक्रास को सक्रिय और सार्थकता प्रदान करने का जज्बा है जो जनहित कीे दिशा में शुभ संकेत है।
उत्तराखण्ड रेडक्रास सोसायटी के महासचिव (अवै0) डा0 आई.एस. पाल ने बैठक में विगत वर्ष 23 जनवरी, 2017 को सम्पन्न हुई आम सभा की बैठक के कार्यवृत्त एवं उनकी अनुपालन आख्या की पुष्टि के साथ ही वर्ष 2016-17 में जनपदीय शाखाओं द्वारा किये गये विशेष कार्यों का विवरण भी प्रस्तुत किया। राज्य के सभी 13 जनपदों में गठित भारतीय रेडक्रास जनपदीय समितियों एवं राज्य शाखा द्वारा अब किये गये कार्यों तथा भविष्य के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। रेडक्रास सोसाइटी की जनपदीय समितियों तथा राज्य शाखा का विभिन्न गतिविधियों में 01 अप्रैल, 2017 से 31 दिसम्बर, 2017 तक के वास्तविक आय-व्यय का विवरण भी प्रस्तुत करने के साथ ही आगामी वर्ष के लिए प्रस्तावित योजनाओं एवं अनुमानित आय-व्यय पर भी चर्चा की गई।
आम सभा की इस बैठक में सचिव राज्यपाल रवि नाथ रमन, निदेशक विद्यालयी शिक्षा, जिलाधिकारी देहरादून व पौड़ी, रेडक्रास सोसाइटी के चेयरमैन रणजीत सिंह वर्मा सहित विभिन्न जनपदों के प्रशासनिक व मुख्य चिकित्साधिकारी, राज्य व जिला रेडक्रास समिति के प्रतिनिधियों व विभिन्न जनपदों के सदस्य मौजूद थे।