लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के क्रम में डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्य योजना बनाकर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोग, जिन्हें अधिसूचित बीमारी घोषित किया जा चुका है, के सम्बन्ध में जनपदों के अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों को नियंत्रक प्राधिकारी नामित किया गया है। यह अधिकारी डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए पूर्णतया उत्तरदायी बनाए गए हैं। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे निजी चिकित्सालयों व निजी नर्सिंग होम्स, निजी पैथोलाॅजी के प्रबन्धकों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वेक्टर जनित सभी रोगों जैसे-जे0ई0, ए0ई0एस0, स्क्रब टाइफस, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के मामलों की सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। अन्यथा स्थिति में उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण से सम्बन्धित सभी विभागों के अधिकारियों को उनके विभाग के लिए चिन्ह्ति किए गए कार्यों को कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। नगर निगम को निर्देशित किया गया है कि वे शहर में कूड़ा निस्तारण, जल निकासी, नालों एवं नालियों की सफाई, स्वच्छता एवं फाॅगिंग के कार्यों को युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर पूर्ण कराए। शिक्षा विभाग को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में छात्रों को पूरी आस्तीन की कमीज एवं पैण्ट व मोजे पहनकर आने की अनिवार्यता सुनिश्चित कराए। साथ ही, उन्हें यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में एक अध्यापक को नामित कर मुख्य चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित कराए। यह अध्यापक अपने स्कूल में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को रोकथाम एवं नियंत्रण की जानकारी देंगे।
इसके अलावा, शासन द्वारा डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों के प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को विभागवार किए जाने वाले कार्यों को निर्धारित करते हुए निर्देश जारी किए जा चुके हैं। सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार अधिकारियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर तथा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें कर अनुश्रवण की कार्यवाही की जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक सम्पन्न की जा चुकी है और जनपद स्तर पर सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। पहली बार डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के रोकथाम के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 के राज्य बजट में 20 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
प्रवक्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से ‘प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण’ (टी0ओ0टी0) के अन्तर्गत दिनांक 12 से 14 जून, 2017 (तीन दिवसीय) तक प्रदेश के सभी जनपदों के डेंगू, चिकनगुनिया एवं वेक्टर जनित रोगों से सम्बन्धित 85 चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इन प्रशिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जनपदों में इसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों तथा अन्य निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को प्रशिक्षित करें।
प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एवं स्वैच्छिक संस्था ‘पाथ’ द्वारा दिनांक 15 से 21 जून, 2017 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर जिला मलेरिया चिकित्साधिकारियों एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। माह अप्रैल, 2017 से प्रदेश के सभी जनपदों में लार्वासाइडल का छिड़काव किया जा रहा है। विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां गत वर्ष डेंगू के मामले पाए गए थे।
प्रवक्ता ने कहा कि सभी जनपदों में रैपिड रेस्पाॅन्स टीमों का गठन किया जा चुका है। इन टीमों का मुख्य कार्य जहां डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोग के मरीज पाए जा रहे हैं, वहां मरीजों के घर जाकर मच्छरों के लार्वा का पता लगाना और उनको नष्ट करते हुए परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाव की जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों के साथ बैठकें कर भारत सरकार की गाइड लाइन्स के अनुसार डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों का इलाज करने की व्यवस्था की जानकारी दी जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य ने राज्य में डेंगू की विशिष्ट जांच के लिए प्रदेश में स्थापित 37 सेन्टीनियल सर्विलाॅन्स हाॅस्पिटल (एस0एस0एच0) लैब के निरीक्षण के लिए टीम गठित कर दी गई है, जो कि वर्तमान पीक सीजन में यह सुनिश्चित कर रही है कि इन प्रयोगशालाओं में जांच की कार्यवाही ठीक ढंग से सम्पन्न हो।
प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए आईसोलेशन वाॅर्ड बनाए गए हैं, जिनमें आरक्षित किए गए 10 बेड मच्छरदानीयुक्त रखे गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मच्छरदानीयुक्त 5 बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि सभी चिकित्सालयों में ‘फीवर हेल्प डेस्क’ गठित कर दिए गए हैं जो कि ज्वरग्रस्त मरीजों को उपचार के सम्बन्ध में परामर्श देंगे। साथ ही साथ, यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें पंजीकरण आदि के लिए लम्बी लाइनों में न लगना पड़े। सभी सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू ग्रस्त मरीजों के उपचार की निःशुल्क व्यवस्था की गयी है।