15.6 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के विद्युत तथा नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन सम्पन्न

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्लीः राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के विद्युत तथा नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन कल शाम समाप्त हो गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीनकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राज कुमार सिंह ने की और 17 राज्यों तथा 1 संघ शासित प्रदेश के विद्युत और ऊर्जा मंत्रियों ने सम्मेलन में भाग लिया।

श्री सिंह ने विभिन्न मुद्दों पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की समीक्षा की और सभी राज्य मंत्रियों तथा उनके अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। इसके अतिरिक्त, मंत्री महोदय ने अपने अधिकारियों को विभिन्न राज्यों के सुझाव लिखने के निर्देश दिए, जिन पर बाद में काम किया जा सकता है। श्री सिंह ने सभी राज्य सरकारों को बार-बार आश्वासन दिया कि विद्युत क्षेत्र के संबंध में किसी भी मुद्दे पर वे बिना झिझके उनके मंत्रालय से संपर्क करें।

सम्मेलन के समापन पर, एक व्यापक सहमति पर एक संकल्प लिया गया जिनमें से प्रमुख बिंदु निम्न हैं-

सभी के लिए 24 घंटे बिजली

राज्यों ने संकल्प लिया-

  • बसावट वाले गांव जहां बिजली नहीं है वहां पर दिसंबर 2017 तक सभी को बिजली मुहैया कराना।
  • जो परिवार बिजली का कनेक्शन चाहते हैं उन्हें दिसंबर 2018 तक प्रदान करना ।
  • मार्च 2019 तक उपभोक्ताओं को निर्बाध विदुयत आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करना।
  •  राज्यों ने सभी मौजूदा वर्षों के वितरण कंपनियों के सरकारी बकाया के 25 प्रतिशत बकाया को भुगतान करने का संकल्प लिया ताकि सभी पुराने बकाया का मार्च 2019 तक भुगतान किया जा सके।
  • निर्बाध विद्युत हस्तांतरण के लिए समर्थन जारी रखने का संकल्प लिया।
  • बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता सुधारने और गैर तकनीकी कारणों से बिजली कटौती को न्यूनतम करने का संकल्प लिया।

विद्युत सुधार

राज्यों ने संकल्प लिया

  • मार्च 2018 के लिए टैरिफ पॉलिसी के अनुसार क्रॉस सब्सिडी को घटाने का खाका तैयार करना और टैरिफ सुधारों के जरिए उपभोक्ता टैरिफ श्रेणियों का सरलीकरण और बिजली टैरिफ का युक्तिकरण करना।
  • सुनिश्चित किया जाए कि वितरण कंपनियां पीपीए और ओनर पीपीए में प्रवेश करें, खासकर पवन और सौर क्षेत्र में, जहां दरें पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित होती है।
  • 22 जुलाई 2016 के विद्युत मंत्रालय द्वारा अधिसूचित संशोधित टैरिफ पॉलिसी और आरपीओ ट्रजेक्टरी के अनुसार आरईसी (नवीनकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र) की खरीद के एक तंत्र के माध्यम से आरपीओ का अनुपालन सुनिश्चित करें। राज्य 2019-20 से 2021-22 तक के भावी आरपीओ ट्रजेक्टरी के लिए सुझाव भेजे।

डिजिटल भुगतानों को बढ़ावा देना

  • राज्य ने विभिन्न उपायों के जरिये नकद प्रोत्साहन, छूट देना, सुविधा शुल्क छोड़ने, उपभोक्ता अनुकूल ऑनलाइन भुगतान के जरिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का संकल्प किया।

ऊर्जा संरक्षण

  • राज्यों ने सभी नए वाणिज्यिक भवनों के लिए ईसीबी 2017 को अपनाने का संकल्प लिया ताकि उन्हें ऊर्जा कुशल बनाने में मदद मिल सके।
  • कृषि उद्देश्य के लिए बीईई स्टार रेटेड ऊर्जा कुशल पंपों के उपयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।

नवीन तथा नवीनीकरण ऊर्जा

राज्यों ने संकल्प लिया-

  • एनआईडब्ल्यूई/अन्य एजेंसियों की सेवाओं का उपयोग करके बड़े पैमाने पर ग्रिड एकीकरण के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का पूर्वानुमान और अनुसूचित करना।
  • रियल टाइम डाटा के उत्पादन के लिए सभी उप स्टेशन स्तरों पर मीटरिंग और संचार के बुनियादी ढांचे को स्थापित करना।
  • सौर/पवन (वार्षिक योजना के लक्ष्य के साथ) के लिए बोली लगाने के लिए एक ट्रजेक्टरी प्रस्तुत करें और निर्धारित बोली-प्रक्रिया कार्यक्रम में भाग लें।
  • हर वर्ष आरपीओ लक्ष्य हासिल करना।
  • विद्युत के विकेन्द्रीकृत उत्पादन को बढ़ावा देना- कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात में लागू मॉडलों से सीखना।
  • सौर पार्क योजना के अंतर्गत अतिरिक्त 20000 मेगावाट क्षमता के तहत सौर पार्कों के प्रस्ताव पेश करना।
  • सौर छतों को बढ़ावा देना और परेशानी रहित ग्रिड कनेक्टीविट सुनिश्चित करना।
  • सौर पम्पों को बढ़ावा देकर ईंधन पम्पों को बदलना।
  • 10,000 मेगावाट के जमीन में स्थापित विकेन्द्रीकृत ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) में भाग लें, वित्तीय वर्ष 2021-22 तक 17.50 लाख स्वचलित सौर पम्पों को स्थापित करना और  ग्रिड से जुड़े 10 लाख कृषि पम्पों का सौर ऊर्जा से चलन तथा 50 हजार नलकूपों/सिंचाई उन्नत करने की योजना है और किसानों को आर्थिक तथा पानी की सुरक्षा देने का उद्देश्य है।
  • कम से कम एक शहर को 100 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा शहर बनाने के लिए पहचान करें।

समापन के दौरान, श्री सिंह ने संबंधित विद्युत क्षेत्रों में सर्वोत्तम अभ्यास के जरिये दक्षता लाने और पुरानी परिपाटी तथा प्रौद्योगिकी को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए राज्य सरकारों के विशेषज्ञों के परामर्शदात्री समूहों का गठन करने का प्रस्ताव दिया। श्री सिंह ने जोर देते हुए कहा कि भारत में विद्युत क्षेत्र सुदृढ़ और कुशल बन जायेगा तथा देश के हर नागरिक को जीवन जीने में आसानी होगी।

Related posts

11 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More