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राष्ट्रपति ने मिजोरम विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित किया: कहा कि भारत को अपने समृद्ध मानव संपर्क को भौतिक एवं अवसंरचनात्मक संपर्कों का पूरक बनाने की आवश्यकता है

President of India addresses a special session of Mizoram Legislative Assembly
देश-विदेश

नई दिल्ली: इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि मिजोरम एक बहुत परिपक्व और गौरवशाली राजनीतिक संस्कृति के लिए विख्यात है। मिजोरम की विधानसभा सही अर्थों में मिजोरम की राजनीतिक संस्कृति तथा राज्य के लोगों की इच्छा एवं आकांक्षाओं का मूर्त रूप है। उन्होंने इस तथ्य के लिए मिजोरम विधानसभा की सराहना की तथा बधाई दी कि अपने 45 साल के इतिहास में इसने अपने सुगम कार्य संचालन के लिए एक बड़ी ख्‍याति अर्जित कर ली है। उन्‍होंने कहा कि मिजोरम विधानसभा के सदस्‍यों के व्‍यवहार एवं उनकी प्रतिभागिता ने उच्‍चतम मानक स्‍थापित किए हैं। राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि यह विधान सभा हमारे लोकतंत्र के लिए एवं उस प्रणाली के लिए किस प्रकार किसी विधायी सदन को कार्य करना चाहिए, एक रोल मॉडल है।

राष्ट्रपति महोदय ने नोट किया कि सभी राजनीतिक हितधारकों एवं चर्च एवं चर्च से संबद्ध समूहों, महिलाओं के समूहों एवं अन्‍य गैर सरकारी संगठनों-समेत सिविल सोसाइटी समूहों ने एक साथ मिल कर मिजोरम में शांति एवं विकास के लिए एक आदर्श वातावरण का सृजन किया है।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत एक आश्‍चर्यजनक विविधता का देश है। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक समेकन एवं कार्य या शिक्षा के लिए देश के एक हिस्‍से से दूसरे हिस्‍से तक लोगों की आवाजाही हम सभी को एक दूसरे से और अधिक परिचित बनाती है।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि सदियों तक, दक्षिण एशिया एवं दक्षिण पूर्व एशिया को सांस्‍कृतिक समानताओं के साथ एक संयुक्‍त व्‍यापारिक क्षेत्र के रूप में देखा जाता रहा है। मिजोरम इस प्रक्रिया एवं इस क्षेत्र के बिल्‍कुल मध्‍य में स्थित है।

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