देहरादून: वर्ष 2022 तक किसानो की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कृषि, वानिकी, मत्स्य, रेशम, पशुपालन आदि संबंधित विभाग मासिक लक्ष्य तय कर लें। क्लस्टर एप्रोच पर बल दिया जाए। क्लस्टर के आधार पर फसलों की मैपिंग की जाए। मैपिंग के अनुसार किसानों के फेडरेशन, ग्रुप बनाकर फसलों की उपज बढ़ाई जाय। उपज बढ़ाने के लिए जरूरी है कि किसानों को नई प्रजाति के उन्नतिशील बीज उपलब्ध करायी जाए। ये निर्देश मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना वर्ष 2017-18 की कार्य योजना को मंजूरी दी गई। प्रस्तावित 90 करोड़ रूपये की कार्य योजना से विभिन्न कार्य किये जायेंगे। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि वार्षिक कार्य योजना में संबंधित योजना से होने वाले लाभ का भी उल्लेख किया जाए। योजना के लागू होने के बाद परिणाम का परीक्षण भी किया जाए। बैठक में बताया गया कृषि विभाग बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में हिल सीड बैंक बनायेगा। इसके अलावा चावल और गेंहू उत्पादन, आर्गेनिक फार्मिंग के तहत प्रमाणीकरण, आर्गेनिक खेती के लिए सेंटर आॅफ एक्सीलेंस और न्याय पंचायत ब्लाॅक स्तर पर बीज स्टोरेज हेतु गोदाम बनाये जायेंगे। आर्गेनिक बोर्ड आर्गेनिक उपज को बढ़ावा देने के लिए विपणन की व्यवस्था करेगा। वानिकी द्वारा फूलों के उत्पादन, सब्जी और मसालों की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके साथ ही राजकीय उद्यानों में सिंचाई व्यवस्था को अपग्रेड किया जायेगा।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत कीटनाशक कार्यक्रम, पशुओं के पैरों, मुंह के रोगों की रोकथाम, शीप ब्रीडिंग फार्म का अपग्रेडेशन, गोट ब्रीडिंग फार्म का अपग्रेडेशन आदि कार्य किये जायेंगे। मत्स्य पालन विभाग ट्राउट फार्मिंग परियोजना पर कार्य करेगा। डेयरी विभाग को-आॅपरेटिव सोसाइटी की डेयरियों में दुग्ध प्रसंस्करण और अवस्थापना सुदृढ़िकरण का कार्य किया जायेगा। रेशम विभाग चाकी पालन और पालको की क्षमता विकास, नये मलबरी क्लस्टर की स्थापना और बुनकर सशक्तिकरण करेगा। मंडी परिषद कृषि और वानिकी उत्पादों के लिए होल सेल मार्केट की व्यवस्था करेगा।