नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने जगरेब, क्रोएशिया में क्रोएशियाई-भारतीय आर्थिक मंच को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि क्रोएशिया में भारत को संस्कृति और आध्यात्म की भूमि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि क्रोएशिया की जनता को नए भारत की आर्थिक ऊर्जा, उसकी गतिशीलता और शक्ति को अनुभव करना चाहिए। भारत बदल रहा है और तेजी से बदल रहा है। अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक समुदाय ने नए निवेशों के साथ इन परिवर्तनों में विश्वास व्यक्त किया है। हमारे पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान हमने 62 अरब अमरीकी डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किया। भारतीय उद्योग भी चाहे व्यापार हो,प्रत्यक्ष निवेश अथवा संयुक्त सहयोग, इनके जरिए दुनियाभर में पहुंच रहा है। उन्होंने भारत के साथ साझेदारी और भारत में मौजूद अवसरों में लाभ उठाने के लिए क्रोएशिया को आमंत्रित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विकृत विश्व में, हम केवल निर्यात और आयात तक ही अपनी सोच सीमित नहीं रख सकते हमें अपने मूल्य और आपूर्ति श्रृंखला को भी जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए ताकि अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने भारत क्रोएशिया व्यावसायिक परिषद की स्थापना पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमें इसमें ऊर्जा का प्रवाह करने की जरूरत है और इसके लिए उन्होंने सहयोग के नये क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता का आह्वान किया। सरकारों के रूप में हम व्यवसाय में मददकर्ता हो सकते हैं लेकिन व्यावसायिक समुदाय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में सच्ची भूमिका निभा सकता है। उन्होंने भारत और क्रोएशिया के व्यवसायियों को व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश सहयोग में साझीदार बनने के लिए आमंत्रित किया।
बाद में राष्ट्रपति ने जगरेब विश्वविद्यालय के छात्रों को भी संबोधित किया। इसका विषय था ‘’भारत-क्रोएशिया संबंध अग्रिम पथ की ओर’’
71 जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जगरेब विश्वविद्यालय शिक्षा और छात्रवृत्ति के रूप में मशहूर है। इस विश्वविद्यालय के साथ भारत का विशेष संबंध है खासतौर से मानव विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विभाग जहां इंडोलॉजी विभाग है।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक स्थिर और समृद्ध लोकतंत्र के लिए क्रोएशिया की प्रगति प्रेरणा दायक है यूरोपीय यूनियन के सदस्य, भारत के एक प्रमुख वैश्विक सहयोगी के रूप में इसकी यात्रा क्रोएशिया के लिए एक नई शुरूआत करती है। एक मजबूत यूरोप के साथ हम बेहतर कार्य कर सकते हैं, एक ऐसा यूरोप जो बहुध्रुवीय विश्व में बहुपक्षवाद को ऊपर उठाने, वैश्विक शासक को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सहारा देता रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे विशाल वैज्ञानिक और तकनीकी मानव शक्ति समूह बन चुका है। उसके 162 विश्वविद्यालय सालाना तौर पर 4000 से ज्यादा डॉक्टरेट उपाधियां प्रदान कर रहे है। सूचना प्रौद्योगिकी में भारत का कौशल सुविख्यात है। भारत में फलता-फूलता अनुसंधान एवं विकास सेवा बाजार है, जिसके 2020 तक 38 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंच जाने की संभावना है। वैश्विक अनुसंधान और विकास के संदर्भ में शीर्ष 1000 कम्पनियों में से एक-तिहाई कम्पनियों के केंद्र अब भारत में हैं। डिजिटल हाइवे के गिर्द लिपटी और कृत्रित आसूचना से प्रेरित ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में हमारी अनुसंधान प्रयोगशालाओं को एक साथ लाने, हमारे उद्यमियों को एक साथ लाने और स्वास्थ्य एवं हमारी जनता के कल्याण के लिए नए समाधान तलाशने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-क्रोएशिया एक साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अब नए दौर की साझेदारी कायम की है, एक ऐसी साझेदारी जो आर्थिक ताल-मेल, भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष, निरंतरता और चौथी औद्योगिक क्रांति तथा दोनों देशों की ताकतों और प्राथमिकताओं से संबंधित है।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्रोएशिया में भारत के किसी राष्ट्रपति की यह पहली यात्रा है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत की ओर से दोस्ती का हाथ बढ़ाने की एक बार फिर से पुष्टि करती है तथा क्रोएशियाई नागरिकों विशेषकर युवाओं को भारत में आकर संभावनाएं तलाशने के लिए आमंत्रित करती है।