नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में इसके विशेष सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत में उद्यमियता के प्रशिक्षण हेतु प्रबंधन शिक्षा की अविलम्ब आवश्यकता है। कार्यबल में शामिल होने वाले करोड़ों युवाओं के रोजगार निर्माण के लिए स्टार्टअप और लघु उद्योगों को आगे आना होगा। यही वह मार्ग है जिससे हम अपने जन सांख्यकीक लाभांश का पूरी तरह से उपयोग कर सकेंगे। इसके साथ-साथ युवाओं को उपयुक्त कौशल प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने एआईएमए को उद्यमिता कौशल और प्रबंधन की पढ़ाई के लिए एक परिषद बनाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन कौशलों से भारतीय युवाओं की रोजगार योग्यता बेहतर होगी और वे नये उद्यम स्थापित करने में सक्षम बन सकेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने एआईएमए के स्थापना वर्ष 1957 से अपनी यात्रा आरंभ कर अब तक शानदार प्रगति की है। एआईएमए ने अपनी शुरूआत से भारत की प्रबंधन संस्कृति और क्षमताओं के विकास में बेहतरीन योगदान दिया है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि एआईएमए अपने 60 वर्षों के अपने विचारों, सिद्धांतों और दर्शन का अनुसरण करता रहेगा।