नई दिल्ली: हाल में पटरियों पर बाधा उत्पन्न करने और पटरियों को काटने का प्रयास कुछ असामाजिक तत्वों ने किया था। इसे ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने नई दिल्ली स्थित रेल भवन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों/आयुक्तों के साथ वीडिया कांफ्रेंस की। वीडियो कांफ्रेंस के दौरान गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहिर भी उपस्थित थे। बैठक में रेलवे बोर्ड के कार्मिक सदस्य श्री प्रदीप कुमार, सड़क यातायात श्री मोहम्मद जमशेद, रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य सहित रेलवे बोर्ड, गृह मंत्रालय, रेलवे पुलिस बल और पुलिस के आला अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री सुरेश प्रभु ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में रेलवे में तोड़फोड़ को रोकने के लिए शानदार काम करने वाले सुरक्षा कर्मियों को पुरस्कृत करने की बात भी उठाई। उन्होंने गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान और रेल विभाग की अपनी एक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने सक्रिय सहयोग के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों/आयुक्तों को धन्यवाद दिया।
गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहिर ने रेलवे में हाल में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की, जिनके कारण दुर्घटनाएं हुई थीं। उन्होंने राज्य पुलिस बलों को आगाह किया कि वे अपराधियों और राष्ट्रीय विराधी तत्वों से चौकस रहें तथा रेलवे का पूरा सहयोग करें। रेवले बोर्ड के कार्मिक सदस्य श्री प्रदीप कुमार ने राज्य पुलिस/जीआरपी को रेलवे की चिंताओं से अवगत कराया।
रेलवे पुलिस बल के महानिदेशक श्री एस.के. भगत ने अपने स्वागत भाषण में वर्ष 2015 और 2016 में तोड़फोड़ की प्रमुख घटनाओं का हवाला दिया और इस बात पर चिंता व्यक्त की कि मौजूदा वर्ष में इस तरह की घटनाओं में तेजी आ रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि तीन मामलों को जांच के लिए एनआईए को सौंपा गया है और एक मामला सीबीआई को दिया गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी भागीदारों ने रेलवे द्वारा किए जाने वाले सहयोग की आकांक्षा व्यक्त की और रेलवे में सुरक्षा में सुधार करने के लिए सुझाव दिए।