नई दिल्ली: भारतीय रेल और विशेष रूप से दिल्ली और मुंबई के बीच पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में वित्त वर्ष 2017-18 (अप्रैल 2017 से नवंबर 2017) के दौरान यात्रियों की संख्या में क्रमशः 0.68 प्रतिशत और 0.99 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
भारतीय रेल त्यौहारों और विशेष अवसरों के दौरान विशेष रेलगाड़ियां चलाता है ताकि यातायात को सुविधाजनक बनाया जा सके। विभिन्न सेक्टरों में विशेष रेलगाड़ियां सतत प्रक्रिया के तहत चलाई जाती हैं।
मांग के आधार पर विशेष शुल्क पर विशेष गाड़ियां चलाई जाती है। ये गाड़ियां निर्धारित समय सारणी के अतिरिक्त चलाई जाती हैं और द्वितीय श्रेणी आरक्षित डिब्बों के बुनियादी किराए पर दस प्रतिशत अधिक दर से शुल्क लिया जाता है। इसी तरह अन्य श्रेणियों के लिए बुनियादी किराए का तीस प्रतिशत की दर से किराया होता है।
उपरोक्त के अलावा मांग के आधार पर सुविधा गाड़ियां भी चलाई जाती हैं। सुविधा गाड़ियों का न्यूनतम किराया तत्काल टिकट के किराये के बराबर होता है। इसका आधार उपलब्ध बर्थ पर शुरुआती बीस प्रतिशत की दर होती है और उसके बाद बीस प्रतिशत के स्लैब के आधार पर किराये में बढ़ोतरी की जाती है। यह बढ़ोतरी तत्काल किराये से अधिकतम तीन गुना तक हो सकती है।
उपरोक्त गाड़ियों में द्वितीय श्रेणी को आरक्षित या अनारक्षित घोषित किया जा सकता है और उसी के अनुरूप शुल्क देय होता है। अनारक्षित द्वितीय श्रेणी का किराया सुपरफास्ट मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों के सामान्य किराये के अनुरूप होता है।
मांग के आधार पर विशेष शुल्कों पर विशेष गाड़ियां और सुविधा गाड़ियां चलाई जाती हैं। इन गाड़ियों का किराया अधिक होता है क्योंकि प्रतीक्षा सूची की निगरानी, डिब्बों की व्यवस्था, आवश्यक कर्मचारियों की तैनाती और सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया तुरंत करनी होती है। इसके अलावा यात्री गाड़ियों की परिचालन लागत हर वर्ष बढ़ती जा रही है और यात्री किराये के लिए सब्सिडी दी जाती है। यह प्रेस विज्ञप्ति रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहेन द्वारा लोकसभा में एक प्रश्न के दिए गए लिखित उत्तर पर आधारित है।