नई दिल्ली: रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल के निर्देश पर कौशल और ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय रेल के सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम ‘परियोजना सक्षम’ होगा और इससे उत्पादकता और कार्य क्षमता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत अगले एक वर्ष तक प्रत्येक जोन के सभी कर्मचारियों को उनके कार्य क्षेत्र से संबंधित कौशल और ज्ञान का एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में रेल बोर्ड के अध्यक्ष श्री अश्विनी लोहानी ने सभी क्षेत्रीय रेल के महाप्रबंधक तथा रेल उत्पादन इकाई के महाप्रबंधकों को संदेश भेजा है।
महाप्रबंधकों को संबंधित क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों (कार्य क्षेत्र के अनुसार कर्मचारियों का समूह बन सकता है) के लिए प्राथमिक प्रशिक्षण आवश्यकता चिन्हित की जानी चाहिए। प्रशिक्षण आवश्यकताओं को चिन्हित करने और प्रशिक्षण कैलेंडर बनाने का कार्य 31 दिसंबर, 2017 तक पूरा हो जाना चाहिए और यह सुनिश्चित होना चाहिए कि प्रत्येक कर्मचारी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस बात पर बल दिया गया है कि रेलवे का एकीकृत दर्शन सतत रूप से शिक्षण-प्रशिक्षण रहा है, फिर भी उत्पादकता और कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए सभी कर्मचारियों को कम समय का प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम इस आवश्यकता को पूरा करेगा।
रेल नेट वर्क बढ़ रहा है, नई रेल गाड़ियां चलाई जा रही हैं, रेलवे द्वारा गुणवत्ता संबंधी सेवाएं प्रारंभ की गई हैं और सरकार का यह वचन है कि वह उत्तम और सुरक्षित रेल सेवा प्रदान करेगी। हमारे यात्रियों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं और यात्री बेहतर सुविधाएं और सेवाएं चाहते हैं। इसलिए रेल कर्मचारियों के लिए समय आ गया है कि वे बेहतर कार्य प्रदर्शन करें। कर्मचारी तभी पूरा कार्य प्रदर्शन कर सकेंगे जब उनके पास सही कौशल और ज्ञान हो तथा कर्मचारी यह समझते हों कि वह संगठन के नए शानदार मानको को पूरा कर सकेंगे। यह प्रशिक्षण इन उद्देश्यों की पूर्ति में मददगार साबित होगा।
प्रशिक्षण के स्वभाव के आधार पर पांच दिन का ऑन जॉब प्रशिक्षण या क्लास रूम प्रशिक्षण रेलवे प्रशिक्षण केंद्र में चलाया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी कर्मचारियों के रिपोर्टिंग प्रबंधकों को प्रशिक्षण पूर्व और प्रशिक्षण के बाद की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना होगा ताकि प्रशिक्षण का प्रभाव कार्य प्रदर्शन में दिखे और प्रशिक्षण में सुधार दिखे। ऐसे सभी प्रशिक्षणों का फोकस भारतीय रेल के सभी कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन में बदलाव लाना है।
कैलेंडर के अनुसार प्रशिक्षण 9 महीनों के अंदर पूरा हो जाना चाहिए।रेल जोन को परियोजना सक्षम के प्रभाव को देखने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे।
यह प्रशिक्षण न केवल कर्मचारियों के कौशल को बढ़ावा देगा बल्कि इससे आने वाले दिनों में भारतीय रेल की कार्य क्षमता में भी सुधार होगा।
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