श्र०जी०| अब लखनऊ की सड़कों पर थूकना, कचरा डालना, कुत्तों द्वारा सड़क को गंदा कराना और लघुशंका करना जेब पर भारी पड़ेगा। लोगों को इसके लिए एक हजार से लेकर पांच हजार तक जुर्माना देना पड़ेगा। कचरा फैलाने वाले शहर का सौंदर्यीकरण बिगाड़ रहे लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। इतना ही नहीं ऐसे लोगों को भी चिंहित किया जाएगा जो अपना रसूख दिखाकर बार-बार गंदगी फैला रहे हैं| उन लोगों पर कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा। इसके लिए नगर निगम एक प्रस्ताव तैयार कर चुका है। सदन में पास कराने के बाद इस प्रस्ताव पर अमल शुरू हो जाएगा।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक गंदगी फैलाने पर चालान किया जाता था, जिसकी राशि केवल पचास रुपए से 200 रुपए तक थी। आसानी से चुका देने वाली राशि होने के कारण लोग परवाह नहीं करते थे। गंदगी फैलाते थे और चालान की राशि जमा कर देते थे। इन परिस्थितियों को देखते हुए तय किया गया कि चालान राशि बढ़ाई जाए जिससे लोग शहर को गंदा न कर सकें।
वरिष्ठ सफाई अधिकारी सुनील डे के मुताबिक हजरतगंज इसका बड़ा नमूना है। बड़े-बड़े होटल, दुकानें, ठेले-खोमचे वालों का रोज चालान किया जाता है लेकिन चालान राशि कम होने की वजह से वे परवाह नहीं करते और गंदगी फैलाते हैं। गंदगी और जगह-जगह कूड़ा फेंकने से नालियां और नाले चोक हो जाते हैं। सफाई के नाम पर बड़ी राशि खर्च की जाती है। सफाई और खाद्य निरीक्षकों की निगरानी, डोर-टू-डोर कलेक्शन, शुष्क शौचालयों के निर्माण के बाद भी गंदगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अधिकारियों का कहना है कि दंड राशि बढ़ाए जाने से असर पड़ सकता है।
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