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वसीम रिजवी के निराधार आरोपों के खिलाफ मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने वसीम रिजवी द्वारा एक पत्र मंे लगाए गए बेबुनियाद और झूठे आरोपों के खिलाफ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल उत्तर प्रदेश, जिलाधिकारी और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को ज्ञापन भेजा है। वसीम रिजवी ने शिया वक्फ बोर्ड के लेटरहेड पर जारी एक बयान में आरोप लगाया है कि मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी के ईरान, इराक, सीरिया और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से संबंध है,वसीम रिजवी ने आरोप लगाया था कि मौलाना कल्बे जवाद नकवी दूसरे धर्मों के खिलाफ नौजवानों मंे घार्मिक उन्माद उत्पनकर उग्र प्रर्दषन कराते है,इसके लिये उन्हें ईरान जैसे अन्य देशों से भारी राशि मिलती है, यानी वसीम रिजवी की निगाह में ईरान भारत मंे आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अनुदान करता। जबकि ईरान हमेशा आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर सीना सिपर रहा है और भारत एवं ईरान हमेशा आतंक खिलाफ बड़े पैमाने पर काम करते रहे हैं।

मौलाने लिखा कि मैं अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करता हूँ, मेरे राष्ट्रवाद पर इस पात्र द्वारा प्रश्न उत्पन्न किया गया है मुझपर विदेशी आतंकी ताकतों से जुड़े होने का गंभीर व बेबुनियाद आरोप लगाया गया है ,और मुझ पर देश में अन्य धार्मिक संप्रदायों के खिलाफ नफरत फेलाने का आरोप लगाया है, जो मेरी प्रतिष्ठा को मिटाने और गलत पहचान बनाने के इरादे से उत्पन्न हुए हैं। अतः सरकार से अनुरोध है कि आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत वासीम रिजवी के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करे। चूंकि ये आधारहीन आरोप आधिकारिक लेटरहेड पर लगाये गए हैं, इसलिए यह उत्तर प्रदेश सरकार के तहत एक संवैधानिक निकाय के अध्यक्ष द्वारा एक आधिकारिक शिकायत होने का आशय है।

यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि मैंने भारत और विदेशों में सभी तरह के आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किए हैं, जो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा व्यापक रूप से प्रसारित एवं प्रकाशित हैं ,जो नवीनतम निर्दोष अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमला है।

मैं पिछले दो दशकों से भी पूरे राज्य में वक्फ संपत्तियों की अवैध बिक्री और यूपी शािया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहा हूं, जिसके परिणामस्वरूप सीबी-सीआईडी ने उनके खिलाफ छह एफआईआर दर्ज करायीं और वर्तमान बीजेपी सरकार के तहत लखनऊ, बरेली और मेरठ में उनके खिलाफ ताजा एफआईआर दर्ज कराई गई है। केंद्रीय वाक्फ काउंसिल की रिपोर्ट के आधार पर यूपी शिया वक्फ बोर्ड में इसके अध्यक्ष, वासीम रिजवी और पूर्व समाजवादी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान,को जाँच में दोषी पाया गया है, माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सीबीआई जांच के लिये लिखा है ओर सी0ए0जी0 को भी जाॅच का आदेश दिया है।

कई एफआईआर, चार्जशीट्स और जांच रिपोर्ट के बावजूद वासीम रिजवी अपने प्रशासनिक संबंधों का उपयोग करना जारी रखता है, क्योंकि वह पहले समाजवादी सरकार के तहत गिरफ्तारी से बचने के लिए काम कर रहे थे और अब अपनी आधिकारिक स्थिति और पत्र- का इस्तेमाल अपने अपने आप को बचने के लिए कर रहे हैं।

इसलिए आप से अनुरोध है कि वसीम रिजवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के संबंधित अनुभागों के तहत जरूरी कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए अपने आधिकारिक पत्र का दुरुपयोग करने के लिए उपरोक्त अनुसार मेरे खिलाफ निराधार आरोपों का निर्माण करने के लिए उचित प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही करें

ज्ञापन

सेवा में ,
जिला मजिस्ट्रेट, लखनऊ
द्वारा : स0 कल्बे जवाद नकवी,
इमाम-ए-जुमा, शाही मस्जिद असिफी, लखनऊ,
महासचिव, मजलिस-ए-ओलमा-ए-हिंद
दिनांक. 28 जुलाई 2017

विषय : वसीम रिजवी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के लिए अनुरोध, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ के अध्यक्ष के रूप में अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए, मेरे खिलाफ अपने आधिकारिक पत्र में , अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय दिल्ली को 8.6.2017 को निराधार आरोपों का निर्माण करने के लिए जोकि देश में अन्य धर्मों के विरूद्ध दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए मुझे विदेशी आतंकवादी संगठनों से जोड़ता है।

आपके संज्ञान में लाने के लिए है कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अपने आधिकारिक पत्र-, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरपयोग करते हुए 8.6.2017 के एक पत्र लिखा है।

, , मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोपों का निर्माण निम्नानुसार है
1. मेरा भारत में ईरान, इराक, सीरिया और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं।
2. मुझे अन्य धर्मों के प्रति शत्रुता पैदा करने के लिए युवाओं को भ्रमित करने के लिए विदेशों से धन प्राप्त हुआ।
3. यह है कि मैं अपने देश में किए गए आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ निंदा या विरोध नहीं करता।

मैं अपने ऊपर लगे आरोपों और आछेपों का खंडन करता हूँ मेरे राष्ट्रवाद पर इस पात्र द्वारा प्रश्न उत्पन्न किया गया है मुझपर विदेशी आतंकी ताकतों से जुड़े होने का गंभीर बेबुनियाद आरोप लगाया गया है ,और मुझ पर देश में अन्य धार्मिक संप्रदायों के खिलाफ नफरत करने का आरोप लगा रहा है, जो मेरी प्रतिष्ठा को मिटाने और गलत पहचान करने के इरादे से उत्पन्न हुए हैं। अतः सरकार से अनुरोध है कि आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत वासीम रिजवी के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करे । चूंकि ये आधारहीन आरोप आधिकारिक लेटरहेड पर किए गए हैं, इसलिए यह उत्तर प्रदेश सरकार के तहत एक संवैधानिक निकाय के अध्यक्ष द्वारा एक आधिकारिक शिकायत होने का आशय है।

यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि मैंने भारत और विदेशों में सभी तरह के आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किए हैं, जो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा व्यापक रूप से प्रसारित एवं प्रकाशित हैं , जो नवीनतम निर्दोष अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमला है।

मैं पिछले दो दशकों से भी पूरे राज्य में वक्फ संपत्तियों के अवैध बिक्री और यूपी शािया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के भ्रष्ट व्यवहार के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहा हूं, जिसके परिणामस्वरूप सीबी-सीआईडी ने छह एफआईआर दर्ज कराए उनके खिलाफ और वर्तमान बीजेपी सरकार के तहत लखनऊ, बरेली और मेरठ में उनके खिलाफ ताजा एफआईआर दर्ज कराई गई है। केंद्रीय वाक्फ काउंसिल की रिपोर्ट के आधार पर यूपी शिया वक्फ बोर्ड में इसके अध्यक्ष, वासीम रिजवी और पूर्वी समाजवादी सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान,को जाँच में दोषी पाया माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक सीबीआई जांच का आदेश दिया है।।

कई एफआईआर, चार्जशीट्स और जांच रिपोर्ट के बावजूद वासीम रिजवी अपने प्रशासनिक संबंधों का उपयोग करना जारी रखता है, क्योंकि वह पहले समाजवादी सरकार के तहत गिरफ्तारी से बचने के लिए काम कर रहे थे और अब अपनी आधिकारिक स्थिति और पत्र- का इस्तेमाल अपने अपने आप को बचने के लिए कर रहे हैं

इसलिए आप से अनुरोध है कि वसीम रिजवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के संबंधित अनुभागों के तहत जरूरी कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए अपने आधिकारिक पत्र का दुरुपयोग करने के लिए उपरोक्त अनुसार मेरे खिलाफ निराधार आरोपों का निर्माण करने के लिए उचित प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही करें । दिल्ली के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को 8.6.2017 के भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि इसके साथ संलग्न है।
(सैयद कालबे जवाद नकवी)
इमाम-ए-जुमा, शाही मस्जिद असिफी, लखनऊ
महासचिव, मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद
लखनऊ।
प्रतलिपि :मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार
राज्यपाल, उत्तर प्रदेश
अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री, सरकार उत्तर प्रदेश

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