नई दिल्लीः भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 की धारा 13 (4ख) के अनुसार, विदेशी चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने के इच्छुक भारतीय विद्यार्थियों को एमसीआई से पात्रता प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा। इसके अतिरिक्त, विदेश संस्थान से चिकित्सा उपाधि प्राप्त एमसीआई या राज्य चिकित्सा परिषद के साथ स्थायी या अस्थायी रूप से पंजीकरण करवाने के इच्छुक व्यक्तियों को एक स्क्रीनिंग परीक्षा अर्थात् एफएमजीई पास करनी होगी।
मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि विदेशी चिकित्सा संस्थान/विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विद्यार्थी की शैक्षिक योग्यता का समुचित आकलन अथवा स्क्रीनिंग किए बिना भारतीय विद्यार्थियों को प्रवेश दे देते हैं जिसके परिणामस्वरूप कई विद्यार्थी स्क्रीनिंग परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाते हैं।
तदनुसार, एमसीआई ने केंद्रीय सरकार के पुर्वानुमोदन से स्क्रीनिंग परीक्षा विनियम, 2002 में संशोधन किए हैं तथा विदेशी चिकित्सा संस्थान विनियम, 2002 में स्नातक स्तरीय चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्रता आवश्यकता को विदेश में चिकित्सा पाठ्यक्रम करने के लिए भारतीय विद्यार्थियों को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश (एनईईटी) परीक्षा पास करना अनिवार्य बनाया गया है। एनईईटी परीक्षा का परिणाम ऐसे व्यक्तियों के लिए पात्रता प्रमाण-पत्र माना जाएगा, बशर्ते कि ऐसे व्यक्ति स्नातक चिकित्सा शिक्षा 1997 संबंधी विनियमों में निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।
उक्त विनियम के प्रावधान भविष्य में अर्थात् मई 2018 से कार्यान्वित किए जाएंगे। अत: एमसीआई से पात्रता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के द्वारा प्राथमिक चिकित्सा पाठ्यक्रम करने के लिए पहले से विदेश में गए हुए विद्यार्थियों को एनईईटी परीक्षा पास करने से छूट प्रदान की गई है।
राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार, विगत 10 सत्रों में एफएमजीई परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों की प्रतिशतता नीचे दी गई है:-
क्र.सं. | सत्र | उत्तीर्ण प्रतिशतता |
1. | मार्च – 13 | 29.15 |
2. | सितंबर – 13 | 16.65 |
3. | जून- 14 | 4.93 |
4. | दिसंबर- 14 | 20.00 |
5. | जून- 15 | 10.40 |
6. | दिसंबर- 15 | 12.20 |
7. | जून- 16 | 11.22 |
8. | दिसंबर- 16 | 8.08 |
9. | जून- 17 | 7.41 |
10. | दिसंबर- 17 | 13.89 |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल के द्वारा लोकसभा में लिखित में उत्तर दिया गया I