भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद की रेस लगातार तेज हो रही है। भारतीय टीम के श्रीलंका दौरे से पहले टीम के लिए नया कोच चुना जाना है, इसलिए बीसीसीआई ने भी सभी दावेदारों के नाम पर तेजी से विचार-विमर्श शुरु कर दिया है। रेस में सबसे बड़ा नाम है पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का। सहवाग के लिए बोर्ड ने साफ मन बना लिया है कि उनको अगर ये जिम्मेदारी दी जाती है, तो साफ तौर पर कहा जाएगा कि वो बेवजह की टिप्प्णियां करना छोड़ दें।
गौरतलब है कि वीरेंद्र सहवाग रिटायरमेंट के बाद सोशल मीडिया और सोशल लाइफ में काफी सक्रिय हैं। उन्होंने अलग-अलग मंच पर तमाम ऐसी बयानबाजियां की हैं, जो विवाद का कारण बनीं और साथ ही खुद सहवाग की साख पर भी बट्टा लगा। बोर्ड का मानना है कि अगर सहवाग कोच बनते हैं, तो ये सब उनके पद को शोभा नहीं देगा। ऐसे में उनको सोशल मीडिया और बयानबाजियों से दूर रहने के लिए साफ तौर पर कहा जाएगा।
भारतीय टीम के पूर्व कोच अनिल कुंबले के इस्तीफा देने के बाद से ही कोच पद के लिए जद्दोजहद चल रही है। दावेदारों में वीरेंद्र सहवाग के अलावा रवि शास्त्री, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस, डोडा गणेश और लालचंद राजपूत का नाम है। सहवाग के बाद सबसे मजबूत दावेदारी रवि शास्त्री की लग रही है, क्योंकि उनके कप्तान विराट कोहली से अच्छे समीकरण हैं। बहरहाल वीरेंद्र सहवाग की बयानबाजियों से पनपे विवाद की बात करें, तो हालिया किस्सा भारत-पाकिस्तान मैच का ध्यान आता है। भारत-पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी लीग मैच से पहले सहवाग ने भारत को बाप और पाक को बेटा बताते हुए एक बयान दे डाला। वो मैच तो भारत जीत गया, लेकिन फाइनल हार गया। इसके बाद सहवाग के बयान के सहारे पाक फैन्स ने भारतीय टीम को जमकर ट्रोल किया और कोसा। कई क्रिकेट दिग्गजों ने भी सहवाग के ऐसे बयानों की आलोचना की।
इसके अलावा कमेंट्री बॉक्स से भी वीरू कई बार अजीबोगरीब बातें बोल चुके हैं। बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर एनडीटीवी को बताया कि अगर भारतीय टीम कोई मैच या सीरीज हारती है और सहवाग बोल देते हैं ‘क्या फर्क पड़ता है’, तो ये उनके लिए मामूली बात होगी लेकिन इसपर बवाल हो जाएगा।
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