वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे मुकाबले में भारतीय टीम को 11 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने बल्लेबाजों को आड़े हाथों लिया है। भले ही धीमी पिच पर शॉट लगाना आसान नहीं था लेकिन बल्लेबाजी कोच बांगड़ ने कहा कि इससे इस तथ्य से नहीं बचा जा सकता है कि बल्लेबाजों की वजह से टीम को मैच गंवाना पड़ा।
भारत के सामने 190 रन का लक्ष्य था लेकिन एंटीगा की मुश्किल पिच पर पूरी टीम 178 रन पर आउट हो गयी और इस तरह से उसे 11 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारत हालांकि पांच मैचों की सीरीज में अब भी 2-1 से आगे है।
बांगड़ ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, पिच लगातार धीमी होती गयी और शॉट लगाना वास्तव में आसान नहीं था। हमने अब तक यहां जो विकेट देखे हैं उनकी प्रकृति ऐसी रही है। लेकिन हम वास्तव में अपनी क्षमता के अनुरूप बल्लेबाजी नहीं कर पाये। यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता था। मेरा मानना है कि बल्लेबााजें की वजह से हम यह मैच हारे।
उन्होंने कहा, पिछले मैच में भी हमारा इस तरह की परिस्थितियों से पाला पड़ा था जब हमने पहले दस ओवरों में दो विकेट गंवा दिये थे लेकिन तब भी हम इस तरह के विकेट पर 260 रन बनाने में सफल रहे थे। हम ऐसे विकेटों पर खेल रहे हैं जिन पर खेलना आसान नहीं है। बांगड़ ने कहा, श्रेय वेस्टइंडीज को जाता है। उन्होंने अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल किया। यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता था। अंजिक्य रहाणे ने 91 गेंदों पर 60 और महेंद्र सिंह धोनी ने 114 गेंदों पर 54 रन बनाये। बांगड़ ने हालांकि अन्य खिलाड़ियों की तरह धोनी का भी बचाव किया जिनकी धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचना हो रही है।
उन्होंने कहा, हमारी रणनीति थी कोई आखिर तक एक छोर संभाले रखे। अंजिक्य ने आउट होने से पहले यह भूमिका निभायी। जब हम अच्छी स्थिति में थे तभी हमने दो विकेट गंवा दिये। बीच के ओवरों में ये विकेट गंवाने से हम वास्तव में बैकफुट पर चले गये। इसके बाद रन रेट लगातार बढ़ता रहा।
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