लखनऊ: आजादी के समय की पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता में बहुत अन्तर आ गया है। इसी तरह जनता की राय देश के नेताओं के बारे में भी है कि जो नेता पहले देश के पालनहार माने जाते थे, वही राय आज के नेताओं के बारे में नही है। नेताओं की सोच एवं विचारधारा में परिवर्तन आया है। यही स्थिति पत्रकारिता के क्षेत्र में भी है।
उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने आज यहां होटल ह्यात में राजस्थान पत्रिका के ‘Key Note’ वार्षिक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने समाचार पत्र के डिजिटल युग में प्रवेश करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पहले की पत्रकारिता में सामाजिकता, नैतिकता का बोध एवं विश्वसनीयता थी, लेकिन आज इसमें गिरावट आयी है। यह अन्तर एक दिन में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिकता की होड़ में समाचार पत्र अपनी असली भूमिका भूलते जा रहे हैं। लोगों की सोच आज समाचार-पत्रों की सुर्खियाँ बनना रह गया है। बने रहना एक मात्र लक्ष्य रह गया है, जो अत्यन्त घातक है। समाचार पत्र समाज को सही दिशा और दृष्टि देता है तथा लोगों को जगाने का कार्य करता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सम्पादकीय पढ़कर लोग अपना विचार बनाते थे, लेकिन अब समाचार पत्रों का दृष्टिकोण व्यावसायिक ज्यादा हो गया है और इस होड़ में वे अपनी असली भूमिका भूलते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में चैतन्य भाव जागृत करना, सही को सही और गलत को गलत कहने का नैतिक साहस समाचार पत्रों में होना चाहिए, जिसकी आज बहुत जरूरत है। निर्भय होकर पक्षपात से दूर रहते हुए निर्भीकता के साथ जनता के सामने निरपेक्ष भाव से सही चित्रण करें, क्योंकि जनता और सरकार के बीच समाचार पत्र एक सेतु का काम करते हैं। इस अवसर पर राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक डा0 गुलाब कोठारी ने उप मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।