देहरादून: प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं
पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने विधान सभा के अपने कक्ष में शिक्षा विभाग की बैठक हुई। बैठक में शिक्षा मंत्री की पहल पर हंस फाउण्डेशन द्वारा शिक्षा में सहयोग की पेशकश की गई। बैठक में उपस्थित हंस फाउण्डेशन के प्रतिनिधि अधिकारी को शिक्षा मंत्री द्वारा मध्याह्न भोजन योजना में प्रदेश के 4 जनपदों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून तथा नैनीताल में फाउण्डेशन द्वारा वृन्दावन में संचालित अक्षय पात्र योजना यहाॅ भी संचालित करने की अपेक्षा की। ज्ञातव्य है कि शिक्षा मंत्री की पेशकश यह योजना फाउण्डेशन द्वारा उपरोक्त जनपदों में कुल व्यय का मात्र 10 प्रतिशत अंशदान पर उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि मध्याह्न भोजन में कार्यरत भोजन माताओं की सेवाएँ यथावत चलती रहेंगी। उनका कहना था, कि अध्यापकों को मध्याह्न भोजन के कार्य से पूर्णतया मुक्त रखा जायेगा। अध्यापकों की सेवाएॅं शत-प्रतिशत अध्यापन कार्य में ही उपयोग की जायेंगी ताकि शिक्षा गुणवत्ता बेहतर हो और छात्रों तथा अभिभावकों में सरकारी स्कूलों के प्रति और अधिक रूझान हो। उन्होंने दूरभाष पर फाउण्डेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ आगामी 9 अप्रैल को भेंट का समय भी तय किया।
उन्होंने हंस फाउण्डेशन के प्रतिनिधि से एक वर्ष में 1500 विद्यालयों को फर्नीचर व्यवस्था से सुसज्जित करने की रणनीति के तहत कार्य करने की अपेक्षा की तथा 500 विद्यालयों में फर्नीचर व्यवस्था सुनिश्चित कराने का लक्ष्य शिक्षा विभाग को दिया।
शिक्षामंत्री श्री पाण्डेय ने आचार संहिता से पूर्व हुए अध्यापकों के स्थानान्तरण को गम्भीरता से लेते हुए इसमें अस्थायी रोक के आदेश दिये हैं। उन्होंने अपर मुख्य सचिव डाॅ0 रणबीर सिंह को निर्देश दिये कि इन स्थानान्तरणों के परीक्षण के लिए एक जाँच कमेटी बनायी जाय, जो छात्र संख्या एवं विषयवार विद्यालयों में अध्यापकों की स्थिति पर रिपोर्ट देगी। उन्होंने निर्देश दिये, कि अध्यापकों की सम्बद्धता को समाप्त किया जाये तथा 3 दिन में उन्हें कृत कार्रवाई से अवगत कराया जाये।
उन्होंने प्राईवेट विद्यालयों की मनमानी फीस, चिन्हित किताबों के क्रय की बाध्यता को लेकर आ रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए शीघ्र ही इस पर बैठक बुलाने के निर्देश दिये।
उन्होंने आवासीय विद्यालयों की स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए विकासखण्ड स्तर पर माॅडल आवासीय विद्यालय विकसित करने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कतिपय आवासीय विद्यालय व्यवस्थित नहीं हैं, कहीं पर अध्यापकों की कमी एवं कही पर अवस्थापना सुविधाओं की कमी है। ऐसे आवासीय विद्यालयों मंे पढ़ रहे बच्चों का पठन-पाठन हो रहा है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव डाॅ0 रणबीर सिंह, निदेशक संस्कृत विनोद रतूड़ी, निदेशक माध्यमिक आर0के0कॅुवर, निदेशक बेसिक सीमा जौनसारी सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे।