20 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्रम अखिलेश सरकार का और नाम भाजपा सरकार का

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार राजनीतिक शून्यता की शिकार हो गई है। उसके पास अपनी कोई योजना नही है। इसलिए उसे दिखावे के लिए समाजवादी सरकार की योजनाओं को ही अपना बताना पड़ रहा है। अभी कल मुख्यमंत्री जी ने जिस अमूल डेयरी प्लांट का निरीक्षण किया वह तो समाजवादी सरकार की ही देन है। भाजपा को यह स्वीकार करने में क्या संकोच है कि श्री अखिलेश यादव ने ही चक गंजरिया क्षेत्र में अमूल का प्लांट लगवाया था। राजनीति की नैतिकता के लिए यह होना ही चाहिए।

 भाजपा का राजनीतिक आचरण ही कुछ इस तरह का है कि उसमें सत्य के सिवा सब कुछ होता है। अफवाहबाजी और झूठे सपने दिखाकर वे सत्ता में आ तो गए हैं लेकिन अभी तक विकास का कोई नया काम नहीं बता सके हैं। राजनीतिक मोर्चे पर भाजपा ने तय किया है कि झूठ-सच कैसे भी हो, समाजवादी सरकार को बदनाम किया जाए।

वैसे तो सरकारों का धर्म होता है कि वे जनता के लिए ईमानदारी से काम करें। जनहित को प्राथमिकता दें। लेकिन भाजपा ने तो कसम खा रखी है कि उसे इस रास्ते पर नहीं चलना है। उसका तौरतरीका है ‘ श्रम अखिलेश सरकार का और नाम भाजपा सरकार का ‘। लगता है भाजपाई तीन माह में ही बदहवाशी के शिकार हैं। अखिलेश जी के विकास के कामो का शानदार रिकार्ड देखकर भाजपाईयों की आंखे फटी की फटी रह गई हैं क्योंकि उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी कि कोई भी सरकार पांच वर्ष में प्रगति की इतनी ज्यादा मंजिले तय कर सकती है। यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि अब करें तो क्या करे?

श्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रदेश के विकास को नई गति दी है और जनहित की ऐसी योजनाएं लागू की है जिनसे समाज के सभी वर्ग लाभान्वित हुए हैं। भाजपा इससे सहमी है और आगे अपनी होनेवाली बदनामी से आतंकित है। भाजपा ने कुर्सी पर बैठते ही पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर ‘समाजवादी‘ शब्द के प्रति अपनी चिढ़ प्रदर्शित की और एम्बूलेंस सेवा तथा गरीबों की पेंशन पर भी निर्णय लिया। अखिलेश जी की योजनाओं का नाम बदलकर उन पर अपना दावा ठोंकना राजनीतिक बेईमानी है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More