लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 जनहित गारन्टी अधिनियम को अत्यधिक प्रभावी बनाने की व्यवस्था की है। इसके तहत श्रम विभाग की प्रक्रियाओं में कतिपय संशोधन करते हुए समयबद्ध पत्रों/पत्रावलियों के निस्तारण की अवधि तय की गई है। इस सम्बंध में लोक सेवा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस0 एन0 शुक्ला द्वारा संशोधित अधिसूचना जारी कर दी गई है।
अधिसूचना में कहा गया है कि श्रम विभाग के श्रम प्रवर्तन अधिकारी उ0 प्र0 दूकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठानों का पंजीकरण एवं नवीनीकरण 30 दिन के अन्दर करना सुनिश्चित करे्रगें। यदि इस अवधि तक पंजीकरण एवं नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है तो आवेदक प्रथम अथवा द्वितीय अपीलीय अधिकारी को आवेदन कर सकते हैं। प्रथम अपीलीय अधिकारी सहायक श्रमायुक्त के लिए 15 दिन में प्रकरण का निस्तारण करना होगा। यदि फिर भी कोई कठिनाई आती है तो द्वितीय अपीलीय अधिकारी उप श्रमायुक्त के लिए 15 दिन में मामले के निराकरण की तिथि नियत की गई है।
इसी प्रकार ठेका श्रम अधिनियम 1970 के तहत अधिष्ठानों का रजिस्ट्रीकरण, संविदाकार को अनुज्ञप्ति दिया जाना और उसका नवीनीकरण करने तथा अंतर्राज्यिक प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के तहत अधिष्ठानों के रजिस्ट्रीकरण तथा संविदाकर की अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के लिए क्षेत्रीय उप/सहायक श्रमायुक्त के लिए 30-30 दिन का समय नियत किया गया है। प्रथम अपीलीय अधिकारी अपर श्रमायुक्त तथा द्वितीय अपीलीय अधिकारी श्रमायुक्त उ0प्र0 के लिए पत्रों के निराकरण की तिथि 15-15 दिन की निर्धारित की गई है।
कारखाना अधिनियम 1948 के अन्तर्गत कारखानों के लिए मानचित्र के अनुमोदन, कारखानों के प्रयोजनार्थ भवन परिसरों के उपयोग का अनुमोदन, अनुज्ञापन तथा अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण का कार्य 30 दिन में उप/सहायक निदेशक कारखाना को करना होगा। इसके उपरान्त प्रथम अपीलीय अधिकारी निदेशक कारखाना तथा द्वितीय अपीलीय अधिकारी श्रमायुक्त उ0 प्र0 के लिए पत्रों के निस्तारण के लिए 15-15 दिन की समय सीमा नियत की गई है।
जनहित गारन्टी अधिनियम 1923 के अधीन ब्वायलर विनिर्माताओं के अनुमोदन एवं उनके नवीनीकरण, ब्वायलर परिनिर्माताओं के अनुमोदन एवं उनके नवीनीकरण तथा ब्वायलरों के रजिस्ट्रीकरण और उनके नवीनीकरण का कार्य 30 दिन में निदेशक ब्वायलर को करना होगा। यदि इस अवधि में यह कार्य नहीं होता है तो प्रथम अपीलीय अधिकारी श्रमायुक्त उ0 प्र0 तथा द्वितीय अपीलीय अधिकारी प्रमुख सचिव श्रम के लिए क्रमशः 15-15 दिन में पत्रों के निराकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने की समय सीमा तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश शासन द्वारा जनहित गारन्टी योजना को श्रमिकों के सुरक्षा के दृष्टिगत सशक्त, प्रभावी और व्यवहारिक बनाया है, ताकि लोगों की समस्याओं का समय से निराकरण हो सके और वे जनहित सेवाओं का सुगमता से लाभ प्राप्त कर सकें।
राज्य सरकार ने अब तक 215 सेवाओं को जनहित गारन्टी अधिनियम के दायरे में शामिल किया है। इसके तहत तय समय सीमा में अब अलग अलग सेवाओं को उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान किया गया है। जिन विभागों को जनहित गारन्टी सेवाओं में सम्मिलित किया गया है, उनमें अब सम्बंधित विभागों को निर्धारित तय समय में प्रकरण का निस्तारण करना जरूरी होगा। इन सेवाओं को समय से उपलब्ध कराने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भी नामित करके उनकी जिम्मेदारी भी तय की गई है। निर्धरित अवधि में सेवाएं उपलब्ध न होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी और द्वितीय अपीलीय अधिकारी के यहां अपील करने की भी सुविधा सम्बंधित को प्रदान की गई है। इन अधिकारियों के कार्य निराकरण की भी समय सीमा नियत की गई है।