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श्री अमरनाथ यात्रा के मद्देनज़र तीर्थ यात्रियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी सलाह

President of India strongly condemns terrorist attack on Amarnath Yatris in Jammu and Kashmir
देश-विदेश

नई दिल्ली: श्री अमरनाथ स्थित पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा में 14000 फीट की ऊंची चढ़ाई शामिल है। अमरनाथ की पवित्र तीर्थ यात्रा के दौरान ऊंची चढ़ाई की वजह से तीर्थ यात्रियों में अधिक ऊंचाई पर जाने और चढ़ाई करने की वजह से कई बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। इनमें भूख में कमी, जी मचलाना, उल्टी, थकान, कमज़ोरी, चक्कर आना, हल्का सिर दर्द एवं नींद ना आना, दृष्टि क्षीणता, मूत्राशय रोग, शरीर का ठीक से परिचालन न होना, शरीर में किसी एक ओर लकवा मारना, चेतना और मानसिक स्थिति में क्रमिक बदलाव, ऊंघाई आना, सीने में जकड़न, परिपूर्णता, घबराहट एवं तीव्र गति से सांस लेना एवं ह्रदय गति में बढ़ोतरी आदि लक्षण शामिल हैं। यदि अधिक ऊंचाई पर जाने की वजह से शरीर में होने वाली बीमारियों एवं उनके लक्षणों का समय पर उपचार नहीं किया जाता, तो कुछ ही घंटों में यह घातक एवं खतरनाक साबित हो सकता है।

उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने तीर्थ यात्रियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी निम्नलिखित सलाह जारी की हैं…

अधिक ऊंचाई पर चढ़ाई करने की वजह से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए क्या करेः- 

  1. शारीरिक रूप से तंदुरुस्त बनकर यात्रा के लिए खुद को तैयार करें – यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे तीर्थयात्रा प्रारंभ होने से कम से कम एक माह पूर्व नियमित रूप से सुबह अथवा शाम के समय करीब 4-5 किलोमीटर पैदल चलने का अभ्यास करें।
  1. गहरी सांसें लेने का अभ्यास करें और शरीर में ऑक्सीजन दक्षता में सुधार के लिए प्राणायाम सहित विभिन्न तरह के योग नियमित रूप से करें।
  2. यदि आप किसी वर्तमान अथवा पूर्व चिकित्सा संबंधी परेशानी से पीड़ित है, तो अधिक ऊंचाई पर यात्रा/चढ़ाई करने से पूर्व अपने चिकित्सक से पूर्ण निरीक्षण कराएं।
  1. चढ़ाई करते समय धीरे चलें और खुद को जलवायु के अनुकूल बनाने के लिए बीच-बीच में कुछ समय तक आराम करें।
  1. अपनी क्षमता से अधिक परिश्रम करने से बचें।
  1. विभिन्न स्थानों पर अनिवार्य रूप से आराम करें और समयानुसार प्रवेश सुनिश्चित करें, तथा अगले गंतव्य स्थान की ओर बढ़ने के दौरान डिस्प्ले बोर्ड पर उल्लिखित पैदल चलने एवं चढ़ाई करने के लिए आदर्श समय का ध्यान रखें।
  1. किसी भी दवा का सेवन करने से पूर्व अपने चिकित्सक से अनिवार्य रूप से सलाह लें एवं परीक्षण कराएं।
  1. सिर दर्द एवं शरीर में पानी की कमी से निपटने के लिए बहुतायत मात्रा में पेयजल का सेवन करें – प्रतिदिन करीब 05 लीटर तरल पदार्थ का सेवन आपको अनिवार्य रूप से करना है।
  1. यात्रा क्षेत्र में खाद्य पदार्थ का सेवन करने के दौरान, श्राइन बोर्ड की वेबसाइट shriamarnathjishrine.com पर उपलब्ध खाद्य पदार्थों की सूची के अनुसार ही भोजन ग्रहण करें।
  1. थकान को कम करने और निम्न रक्तचाप के स्तर से बचने के लिए अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट मुहैया कराने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  1. तीर्थयात्रा के दौरान पोर्टेबल ऑक्सीजन किट को हमेशा अपने साथ रखें, क्योंकि सांस लेने में दिक्कत होने की स्थिति में यह अत्यधिक फायदेमंद होता है।
  1. यदि आपको अधिक ऊंचाई पर जाने की वजह से होने वाली बीमारियों के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत थोड़ा कम ऊंचाई पर जाएं।
  1. तीर्थ यात्रा प्रारंभ होने से कुछ सप्ताह पहले प्राप्त किए गए अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बाद यदि आपकी स्वास्थ्य स्थिति में किसी प्रकार का बदलाव आता है, तो तीर्थयात्रा पर जाने से पहले अपने चिकित्सक के परामर्श लें।
  1. अधिक ऊंचाई पर जाने से होने वाली बीमारी अथवा किसी अन्य तरह बैचेनी आदि के संकेत मिलने की स्थिति में तुरंत ही, तीर्थयात्रा के दौरान प्रत्येक दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित नज़दीकी चिकित्सा सेवा केन्द्र से संपर्क करें।

अधिक ऊंचाई पर चढ़ाई करने की वजह से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए क्या ना करेः-

  1. अधिक ऊंचाई पर जाने से होने वाली बीमारी अथवा बैचेनी आदि के लक्षणों को किसी भी स्थिति में नज़रअंदाज़ ना करें।
  1. शराब, कैफीनयुक्त पेय अथवा धूम्रपान आदि का सेवन ना करें।
  1. यदि आप अधिक ऊंचाई पर होने वाली बीमारी अथवा बैचेनी महसूस करें तो यात्रा के दौरान आगे न बढ़ें। यात्रा में आगे बढ़ने के बजाय, तुरंत ही नीचे की ओर जाएं और ऐसे स्थान पर पहुंचें जहां आप खुद को वातावरण के अनुकूल महसूस कर रहे हैं।
  1. बीमार होने की स्थिति में यात्रियों बात को स्वीकार न करें, क्योंकि उनका निर्णय गलत भी हो सकता है। अक्सर यात्री बीमार होने के बावजूद भी खुद को सही बताते हैं और यात्रा में आगे बढ़ने की बात कहते हैं। मगर ऐसा करना स्वास्थ्य एवं शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

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