देहरादून: मा मंत्री कृषि एवं कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुबोध उनियाल ने विकासखण्ड चकराता स्थित ग्राम अटाल से 15 किमी की उंचाईपर स्थित सेज में ग्रामीणों से कहा कि सरकार की मंशा एवं लक्ष्य गांव में रह रहे कृषकों की आय दुगने करने का है, जिससे गांव के परिवार गरीबी से मुक्त होते हुए समृद्धि से परिपूर्ण हो। मा कृषि मंत्री ने सचिव कृषि डी सैंथियल पाण्डियन एवं मण्डी परिषद के पूर्व अध्यक्ष शैलेश मोहन सिंघल के साथ निकट चकराता में अटाल के निकट सेंज गावं में कृषि उत्पादन एवं उद्यान विभाग के सहयोग से वहां के स्थानीय निवासी श्री कल सिंह राणा द्वारा एक एकड़ भूमि पर लगाये गये सेब के बगीचे का निरीक्षण किया गया। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने मा मंत्री जी को अवगत कराया कि श्री कल सिंह राणा द्वारा अल्ट्राहाई डेजस्टिक प्लांटेसन के तहत 1 हजार स्पर प्रजाति के सेब पौधे, उपलब्ध कराये गये, जिनमें 14 महीनों में फल दिये तथा 3 लाख रू0 के सेब विक्रय किये गये। इस प्रजाति के सेब की वर्तमान में बाजार भाव लगभग 140 रू0 किलो है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने स्थानीय किसान/कास्तकार कल सिंह राणा को बधाई देते हुए कहा कि उन्होने अपनी लगन एवं मेहनत से यह कार्य किया है जिसका परिणाम है कि उनको मात्र 14 महीनें में ही फल प्राप्त करते हुए 3 लाख के सेब बाजार में विक्रय किये हैं, जो सभी खेती/बागवानी करने वाले किसान/कास्तकारों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होने अधिकारियों को इस प्रकार की तकनीक का उपयोग राज्य के अन्य स्थानों पर भी करने तथा राज्य की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार विभिन्न प्रजाति के फल के पौधे रोपित करने की योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होने कहा कि क्षेत्र में निवास कर रहे अन्य परिवारों को भी इस कार्य हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया जाये तथा उन्हे यह समझाया जाये कि इस प्रकार की खेती में मात्र 14 माह में ही किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी तथा क्षेत्र से पलायन रूकने के साथ ही लोग आत्मनिर्भर भी बनेंगे। उन्होने इस अवसर पर कहा कि सरकार पूरे उत्तराखण्ड में सेब उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी तथा उत्तराखण्ड के नाम से ब्रांडिंग की जायेगी। उन्होने कहा कि चकराता में भी ग्रेडिंग और कलस्टर सेन्टर खोले जायेंगे। उन्होने कहा कि फलों के विनणन के लिए सहयोग किया जायेगा। उन्होने कहा कि राज्य फल पौधों की गुणवत्ता के लिए नर्सरी एक्ट लागू किया गया है, जिसके तहत किसानों को 1 लाख रू0 तक लोन बैकों से 2 प्रतिशत् ब्याज दर उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होने कहा कि फसल बीमा के जो मानक है उनको तहसील स्तर से न्याय पंचायत स्तर तक दायरा बढाया गया है, और यदि किसान को 33 प्रतिशत् से ज्यादा नुकसान होता है तो उसका दायरा बढाकर तहसील से न्याय पंचातय स्तर तक हो गया है। उन्होन मण्डी समिति के अध्यक्ष के नाते कहा कि यदि किसान को पर हेक्टेयर 10 हजार का नुकसान होता है तो मण्डी भी इस की प्रर्तिपूर्ति करेगी। उन्होने कहा हम सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में सेब उत्पादन को प्रोत्साहित करेंगे तथा उत्तराखण्ड के नाम से ब्रांडिंग होगी। उन्होने कहा कि चकराता में में ग्रेडिंग और कलस्टर सेन्टर खोले जायेंगे।
उन्होने कहा कि प्रदेश के किसानों/कास्तकारों को उनकी फसल/उपज का उचित मूल्य दिलवाने के लिए कलस्टर आधारित विपणन केन्द्र/कलैक्शन सेन्टर की व्यवस्था के साथ-2 स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग व मार्केटिंग करते हुए बाजार तक पंहुचाने की कोशिश की जायेगी। उन्होने कहा कि हमारा लक्ष्य आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश से भी उम्दा फल तैयार करने का है।
उन्होने कृषि और उद्यान विभाग को आपसी समन्वय से फलदार पौधों की उचित गुणवत्ता व एक जैसी उन्नत किस्मों को कास्तकारों को वितरित करने तथा कास्तकारों के समन्वय से नई किस्मों के विकास पर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होने पर्वतीय क्षेत्रों में फल, सब्जी उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुए उनकी सेल्फ वैल्यू एवं वैल्यू एडिसन करने के लिए कलैक्शन सेन्टरों में वास्तविक आवश्यकता को देखते हुए आवश्यकतानुसार सर्टीन, गे्रडिंग एवं कोल्ड स्टोरेज की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिये।
उन्होने इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार त्रिवेन्द्र सिंह रावत के द्वारा की गयी घोषणाओं से भी कृषकों को अवगत कराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से 2 मार्ग रोकरी से हाली 8 किमी, सेंज से जुबलधार 3 किमी मार्ग को डावर मार्ग बनाये जाने की घोषणा की गयी है, जिस पर जल्द कार्य शुरू हो जायेगा।
इस अवसर पर विधायक विकासनगर मुन्ना सिंह चैहान, सचिव उद्यान एवं कृषि डी सेंथिल पाण्डियन, मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, उप जिलाधिकारी चकराता बृजेश तिवारी, निदेशक उद्यान बी.एस नेगी, अपर निदेशक आर.सी श्रीवास्तव, मुख्य कृषि अधिकारी श्री देवराड़ी, जिला उद्यान अधिकारी संजय श्रीवास्तव, उद्यान विभाग के कार्यक्रम प्रबन्धक संजय सक्सेना, इण्डो डच सुधीर चन्द्रा, उद्योगपति आशोक चड्डा, विनोद गार्गिल, एम.एम मालसी सहित स्थानीय निवासी उपस्थित थे।