नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरण रिजिजू के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधि मंडल कैनकन, मैक्सिको में 22 से 26 मई 2017 तक होने वाले आपदा जोखिम न्यूनीकरण वैश्विक मंच में भाग ले रहा है।
देश का वक्तव्य सामने रखने से पहले कल श्री किरण रिजिजू ने सेंडाई फ्रेमवर्क को अपनाने के बाद भारत द्वारा उठाये जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जून 2016 में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सेंडाई प्राथमिकताओं के साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना की शुरूआत की गई थी। उन्होंने बताया कि सेंडाई फ्रेमवर्क को अपनाने के बाद क्षेत्रीय स्तर पर भारत ने नवम्बर 2016 में आपदा न्यूनीकरण जोखिम पर पहले एशियाई मंत्री स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें एशिया-प्रशांत के 50 से अधिक देशों ने भाग लिया और सेंडाई फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन के लिए एशिया क्षेत्रीय योजना को अपनाया।
मंत्री महोदय ने कहा कि सांख्यिकीय क्षमता को मजबूत बनाने के माध्यम से भारत प्रगति की निगरानी और सेंडाई लक्ष्यों की उपलब्धि की ओर व्यवहारिक कदम उठा रहा है। उन्होंने इस संबंध में टारगेट-ए का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत आपदा मृत्यु दर का विश्लेषण कर रहा है तथा इसके उपायों, स्थानिक और अस्थायी, दोनों के दौरान होने वाली मौतों को कम करने के लिए तत्काल कदम उठा रहा है। सेंडाई फ्रेमवर्क के टारगेट-ई के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत 2020 तक योजनाओं और रणनीतियों के विकास के बारे में कार्य कर रहा है। श्री रिजिजू ने कहा कि 07 मई 2017 को भारत ने दक्षिण एशिया संचार उपग्रह को लांच किया था जिसका लक्ष्य संचार, मौसम के पूर्वानुमान, प्राकृतिक संसाधन, आपदा जानकारी के बारे में दक्षिण एशियाई देशों को सूचना प्रदान करना है जो भारत के टारगेट एफ और जी के बारे में प्रतिबद्धता की मजबूत भावना को प्रदर्शित करता है।